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India Daily

शी जिनपिंग ने भारत को लिखा सीक्रेट लेटर? सुधरने लगे संबंध, ट्रंप का 'टैरिफ अटैक' होगा फेल!

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों ने बताया कि शी जिनपिंग ने मार्च में भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सीधे संपर्क किया था, जब चीन के साथ अमेरिका का व्यापारिक तनाव चरम पर था.

Gyanendra Sharma
Edited By: Gyanendra Sharma
शी जिनपिंग को भारत को लिखा सिक्रेच लेटर
Courtesy: Social Media

Xi Jinping India letter: भारत और चीन के बीच रिश्ते में हाल के दिनों में नरमी आई है. अमेरिका से चल रहे व्यापार तनाव के बीच दोनों एशियाई देश संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक सीक्रेट पत्र ने भारत-चीन संबंधों की शुरुआत कर दी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से कुछ ही दिन पहले एशिया के सामरिक संतुलन में संभावित रूप से निर्णायक मोड़ का संकेत देता है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों ने बताया कि शी जिनपिंग ने मार्च में भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सीधे संपर्क किया था, जब चीन के साथ अमेरिका का व्यापारिक तनाव चरम पर था. इस लेटर को काफी खुफिया तरीके से लिखा गया था और अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की गई. साथ ही कूटनीतिक पहल के लिए एक नए संपर्क सूत्र का प्रस्ताव दिया गया.

अमेरिका से तनाव के बीच भारत-चीन के बीच बढ़ा नजदीकियां

Xi Jinping India letter: यह संदेश ऐसे समय आया जब वाशिंगटन का चीन और भारत दोनों पर व्यापारिक दबाव बढ़ गया था. जून तक, नई दिल्ली ने बीजिंग के साथ फिर से बातचीत शुरू कर दी थी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे यह बैकचैनल संवाद एक व्यापक बातचीत में बदल गया. पिछले हफ़्ते, दोनों पक्ष अपने अस्थिर सीमा विवादों को सुलझाने के प्रयासों को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए जो 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सबसे प्रत्यक्ष प्रगति है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.

सात साल बाद पीए मोदी का चीन दौरा

मोदी सात वर्षों में पहली बार इस सप्ताहांत चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं. अमेरिका लंबे समय से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत पर निर्भर रहा है. लेकिन ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ और रूसी तेल आयात पर प्रतिबंधों ने शायद नई दिल्ली को पूर्व की ओर देखने के लिए प्रेरित किया है.

ब्लूमबर्ग ने यह भी बताया कि रिलायंस, अडानी और जेएसडब्ल्यू जैसी भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों के साथ स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की संभावनाएं तलाश रही हैं. सीधी उड़ानें जल्द ही फिर से शुरू हो सकती हैं, और चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा पर फिर से विचार हो रहा है. फिर भी, चीन के पाकिस्तान के साथ गठजोड़ से लेकर भारत की ताइवान के साथ बढ़ती नज़दीकियों तक, गहरा अविश्वास अभी भी बना हुआ है. यूरेशिया ग्रुप के जेरेमी चैन ने चेतावनी दी. मोदी और शी के बीच 1 सितंबर को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की उम्मीद है.