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India Daily

'मुझे लगता है मैं मर जाऊंगा, मेरे परिवार से कहना कि...', आतंकवादी से भिड़ने से पहले बोंडी बीच के हीरो के आखिरी शब्द

रविवार को ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर एक आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में करीब 15 लोगों की जान चली गई थी. लोगों की जान बचाने के लिए अहमद अल अहमद आतंकवादी से भिड़ गए थे.

Sagar
Edited By: Sagar Bhardwaj
Ahmed al-Ahmads last words before confronting terrorist at Bondi Beach Australia
Courtesy: @OunkaOnX

रविवार को ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर आतंकी हमला हुआ था. हमले के दौरान 43 वर्षीय अहमद अल अहमद अपनी जान की परवाह किए बहैर एक बंदूकधारी आतंकवादी से भिड़ गए और उन्होंने उसकी बंदूक छीन ली. इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन उनके साहसिक कदम ने कई लोगों की जिंदगी बचा ली. आतंकी से भिड़ने से पहले उन्होंने अपने परिवार के लिए जो कहा वह दिल छू लेने वाला है.

हमले के बीच साहसिक कदम

हमले के दौरान अहमद सफेद टी-शर्ट पहने एक कार के पीछे छिपे थे. तभी उन्होंने मौके का फायदा उठाकर बंदूकधारी पर छलांग लगाई. दोनों के बीच हाथापाई हुई और अहमद ने उसकी राइफल छीन ली. हमलावर डरकर पार्किंग की ओर भाग गया, जिससे वहां मौजूद कई लोग बच सके.

अहमद के चचेरे भाई जोजे अलकंज ने बताया कि हमले से पहले अहमद ने कहा था, 'मुझे लगता है मैं मर जाऊंगा. अगर ऐसा हो जाए तो मेरे परिवार से कहना कि मैंने लोगों की जान बचाने की कोशिश की.' ये शब्द आज भी उनके परिवार को झकझोर रहे हैं.

अहमद को लगीं 5 गोलियां

अहमद के माता-पिता कुछ महीने पहले ही सीरिया से ऑस्ट्रेलिया आए थे. उन्हें बेटे के घायल होने की खबर मिली तो मां रो पड़ीं. अहमद को पांच गोलियां लगी हैं और उनके कंधे में अभी भी गोलियां फंसी हैं. उन्हें कई सर्जरी से गुजरना होगा.

बेटे ने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया

परिवार ने बताया कि अहमद हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे. उनके पिता ने कहा कि बेटे ने किसी की जाति, धर्म या देश नहीं देखा. ऑस्ट्रेलिया में सभी बराबर हैं और अहमद ने यही सोचकर लोगों को बचाया.

हमले की भयावह तस्वीर

इस आतंकी हमले में 15 निर्दोष लोगों की मौत हुई, जिनमें एक 10 साल की बच्ची भी शामिल थी. 27 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. पुलिस ने हमलावर पिता-पुत्र को ढेर किया. अहमद की बहादुरी अब इस दर्दनाक घटना में इंसानियत की मिसाल बन गई है.