नई दिल्ली: दुनिया के सामने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) को एक आधुनिक और प्रगतिशील नेता के रूप में दिखाया जाता है. उन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने की आजादी दी, देश में नए सुधार लाए और खुद को महिलाओं के अधिकारों का समर्थक बताया. लेकिन सऊदी अरब की बंद दीवारों के भीतर एक ऐसा खौफनाक राज छिपा है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए.
कहा जाता है कि MBS के शासन में 'दाल अल रेया' नाम का एक सुधार गृह चलाया जाता है, जो असल में महिलाओं के लिए एक यातना गृह है. इस जगह को 'महिलाओं के सुधार केंद्र' के नाम पर चलाया जाता है, लेकिन हकीकत में यह एक नर्क है जहां उन महिलाओं को कैद कर लिया जाता है जिन्होंने अपने पिता, पति या भाई की बात नहीं मानी. अगर कोई महिला घर से भाग जाए, किसी गैर-मर्द से बात करे या रिश्तों में बगावत दिखाए, तो उसे इस कैदखाने में भेज दिया जाता है.
बताया जाता है कि यहां महिलाओं पर बर्बर अत्याचार किए जाते हैं जबरन वर्जिनिटी टेस्ट, कपड़े उतारकर जांच और कोड़ों से सजा आम बात है. इन तथाकथित 'केयर होम्स' में महिलाओं को हर हफ्ते कोड़े मारे जाते हैं ताकि उन्हें 'सुधारा' जा सके. उन्हें बाहरी दुनिया से पूरी तरह काट दिया जाता है और उनके दिमाग में कठोर धार्मिक शिक्षा भरी जाती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें नशे की दवाएं दी जाती हैं ताकि वे विरोध न कर सकें. अगर कोई लड़की दूसरी कैदी से बात कर ले, तो उसे 'लेस्बियन' कहकर पीटा जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नर्क से भागी एक महिला सारा अल याहिया ने बताया कि वहां सिर्फ 'बिगड़ी हुई' नहीं, बल्कि हर तरह की महिलाएं लाई जाती हैं बस किसी पुरुष ने शिकायत कर दी तो जेल का रास्ता पक्का है. सऊदी अरब में ‘दाल अल रेया’ का नाम सुनते ही महिलाएं कांप जाती हैं. कई तो भर्ती होने से पहले ही आत्महत्या कर लेती हैं.
कुछ महीने पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक महिला इसी केंद्र की खिड़की से लटककर भागने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह भी बच नहीं पाई. सऊदी अरब भले ही आधुनिकता का दिखावा करे, पर हकीकत यह है कि वहां आज भी कई महिलाएं आजादी नहीं, बल्कि डर और दर्द में जी रही हैं.