menu-icon
India Daily

'बुरा मत मानना', वाशिंगटन में जयशंकर ने अमेरिका को क्यों दी ये नसीहत?

Jaishankar Attacks On US: हमेशा से अमेरिका कई मौकों पर भारत के आंतरिक मामलों में बोलता रहता है. हालांकि, बार भारत के विदेश मंत्री ने वाशिंगटन में ही बैठ कर US को तगड़ा जवाब दे दिया है. उन्होंने कहा 'बुरा मत मानना'. इसके जरिए उन्होंने भारत के कूटनीतिक पक्ष को आगे रखा है. आइये जानें एस जयशंकर ने ये क्यों कहा है?

auth-image
India Daily Live
Jaishankar Attacks On US
Courtesy: India Daily Live

Jaishankar Attacks On US: आपने हमेशा देखा होगा की अमेरिका की ओर से भार के मामलों में कमेंट आते रहते हैं. हालांकि, इस बार भारत की ओर से जवाब भी दिया जाता रहा है. ऐसा ही एक तगड़ा जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया है. विदेश मंत्री अमेरिकी थिंक टैंक ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों में बार-बार कमेंट करने को लेकर अमेरिका को खरी खोटी सुनी दी है. उन्होंने लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए और यह एकतरफा नहीं हो सकता. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिर अमेरिका को बुरा नहीं मानना चाहिए.

एस जयशंकर ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने यह भी साफ किया कि चाहे चीन का मामला हो या अमेरिका का, भारत अपने हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है और वैश्विक मामलों में भी उसकी एक मजबूत स्थिति है.

'बुरा फील नहीं करना चाहिए'

जयशंकर ने कहा कि विदेशी हस्तक्षेप, चाहे वह कहीं भी और किसी के द्वारा भी हो, उसे वैसा ही माना जाना चाहिए. लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए पर ये एकतरफा नहीं हो सकता. अमेरिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आपको हमारे मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार है. पर मुझे भी आपकी टिप्पणी पर टिप्पणी करने का अधिकार है. अगर भारत कुछ कहे तो फिर आपको बुरा फील नहीं करना चाहिए.

अमेरिका और भारत के रिश्ते

जयशंकर ने भारत और अमेरिका को दुनिया के अग्रणी लोकतंत्रों में से बताया और कहा कि दोनों देशों में राजनीतिक मुद्दों पर बहस होती रहती है. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार अमेरिकी नेता भारत के लोकतंत्र पर टिप्पणियां करते हैं लेकिन भारत इसका माकूल जवाब देगा. उनका कहना था कि अब दुनिया ग्लोबल हो गई है और किसी देश की राजनीति अब उसकी सीमाओं तक सीमित नहीं रहती.

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपने आंतरिक मामलों पर अमेरिकी नेताओं की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से हिचकिचाएगा नहीं. जब भारत अमेरिका की टिप्पणियों का जवाब देता है, तो अमेरिकियों को इसे गलत नहीं समझना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में परस्पर सम्मान आवश्यक है और अगर एक देश दूसरे के मामलों में टिप्पणी कर सकता है, तो उस देश को जवाब मिलने पर बुरा नहीं मानना चाहिए.

चीन और भारत के बीच तनाव

जयशंकर ने चीन के साथ भारत के तनावपूर्ण संबंधों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई समझौते हुए थे लेकिन चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया, जिससे तनाव बढ़ा है. उन्होंने कहा कि जब तक इस सीमा विवाद का समाधान नहीं होता, भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख

रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत युद्ध को विवाद सुलझाने का सही तरीका नहीं मानता. उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है और इस दिशा में प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हाल ही में बातचीत हुई थी.