रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों की जान ले ली है. मंगलवार को पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के यारोवा गांव में रूस ने ग्लाइड बम से हमला किया. उस समय वहां पेंशन वितरण का काम चल रहा था.
धमाके में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाने और निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की है.
मंगलवार को यारोवा गांव में लोग पेंशन लेने के लिए इकट्ठा हुए थे. तभी अचानक रूसी सेना की ओर से छोड़ा गया ग्लाइड बम वहां आ गिरा और जोरदार धमाका हुआ. यह इलाका डोनेट्स्क क्षेत्र में आता है, जो लंबे समय से युद्ध की सबसे भीषण मार झेल रहा है. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कई लोग मौके पर ही मारे गए. स्थानीय प्रशासन ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर है.
Ukraine's president says at least 20 civilians killed when a Russian glide bomb strikes an eastern Ukrainian village, reports AP
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2025
हमले के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर पोस्ट करते हुए इसे 'फ्रैंकली ब्रूटल' यानी बेहद क्रूर करार दिया. उन्होंने कहा कि रूस बार-बार निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुप नहीं रहना चाहिए. जेलेंस्की ने अमेरिका, यूरोप और जी-20 देशों से अपील की कि वे रूस के खिलाफ और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएं ताकि वह मौत और तबाही फैलाने से रुके.
जेलेंस्की ने कहा कि केवल निंदा करना काफी नहीं है, बल्कि अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस को उसके युद्ध अपराधों की कीमत आर्थिक रूप से चुकानी होगी. उनकी मांग है कि पश्चिमी देश ऊर्जा, वित्त और व्यापार के क्षेत्र में रूस पर ऐसे प्रतिबंध लगाएं जिससे उसकी आक्रामक क्षमता कमजोर हो सके. जेलेंस्की का कहना है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े कदम नहीं उठाए जाते, रूस यूक्रेन के नागरिकों को निशाना बनाता रहेगा.
यूक्रेन सरकार का कहना है कि यह हमला एक बार फिर साबित करता है कि रूस किसी भी मानवीय नियम का पालन नहीं कर रहा. पेंशन लेने आए बुजुर्गों और नागरिकों पर हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का खुला उल्लंघन है. यूक्रेन ने जोर देकर कहा कि अब दुनिया की जिम्मेदारी है कि वह इस हमले पर आंख न मूंदे. जेलेंस्की ने कहा 'दुनिया को प्रतिक्रिया देनी होगी, तभी रूस को रोका जा सकेगा.'