नई दिल्ली: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब रूस भी खुलकर मैदान में आ गया है. क्रेमलिन ने गुरुवार को पुष्टि की कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से टेलीफोन पर बात की है. यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका वेनेजुएला के तेल टैंकरों को लगातार जब्त कर रहा है और राष्ट्रपति ट्रंप बार बार मादुरो पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं.
पुतिन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रूस वेनेजुएला के साथ खड़ा है और उसे हर संभव समर्थन दिया जाएगा. क्रेमलिन के बयान के अनुसार, पुतिन ने बातचीत के दौरान वेनेजुएला के प्रति रूस के समर्थन की औपचारिक पुष्टि की. पुतिन ने वेनेजुएला के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई और कहा कि बढ़ते बाहरी दबाव के बीच रूस मादुरो सरकार की नीतियों के साथ है. उन्होंने कहा कि रूस वेनेजुएला की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उसका साथ देगा.
🇷🇺🇻🇪📞 Presidents Vladimir Putin and @NicolasMaduro spoke over the phone.
— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) December 11, 2025
Vladimir Putin expressed solidarity with the people of Venezuela and reaffirmed his support of the policies of the Maduro government.#RussiaVenezuela pic.twitter.com/2Gz4c4Zamn
यह बयान अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तट से एक तेल टैंकर को जब्त करने के तुरंत बाद आया है, जिससे वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. रूस लंबे समय से वेनेजुएला का प्रमुख सहयोगी रहा है. विशेष रूप से तब से जब अमेरिका ने वेनेजुएला पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए, रूस ने मादुरो सरकार को आर्थिक, तकनीकी और राजनयिक सहयोग प्रदान किया है.
रूस और वेनेजुएला के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में गहरे रणनीतिक संबंध हैं. इसलिए अमेरिका और वेनेजुएला के बीच किसी भी प्रकार के संघर्ष में रूस की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है.
वहीं दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाने की अपनी रणनीति जारी रखे हुए है. हाल ही में ट्रंप ने यह भी कहा था कि वेनेजुएला से अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी बढ़ रही है और इसे रोकने के लिए अमेरिका जल्द ही लैंड स्ट्राइक्स शुरू कर सकता है. इस चेतावनी के बाद कैरेबियन क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य गतिविधियां भी बढ़ गई हैं. अमेरिका के कई विमान और कोस्ट गार्ड यूनिट्स प्यूर्टो रिको में सक्रिय देखे गए हैं. पुतिन के ताजा बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वेनेजुएला को अमेरिकी दबाव के बीच रूस का मजबूत समर्थन हासिल है.