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India Daily

यूरोप के इस ताकतवर देश में इतनी ज्यादा पैदा हो गई बिजली, जनता के लिए करनी पड़ी मुफ्त

जलवायु परिवर्तन का असर एक देश पर ऐसा हुआ की सरकार उस देश की बिजली ही फ्री करने को मजबूर हो गई। दरअसल यूरोप के एक देश से ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है, जहां पर कुछ समय के लिए बिजली की कीमतें जीरो हो गई थी।

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Edited By: Meenu Singh
Free Electricity Supply
Courtesy: @AssaadRazzouk X account

आज के समय में जलवायु परिवर्तन के कारण कई जगहों पर मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. इस जलवायु परिवर्तन के कारण कई देशों को कई समस्याओं से भी गुजरना पड़ रहा है. 

लेकिन यह क्लाइमेट चेंज फ्रांस के नागरिकों के लिए वरदान तब बन गया, जब इसके कारण फ्रांस में बिजली का बिलकुल भी उपयोग नहीं हुआ और प्रोडक्शन ज्यादा होने के कारण सरकार ने कुछ समय के लिए बिजली मुफ्त कर दी थी. कुछ समय के लिए फ्रांस में बिजली की कीमतें जीरो हो गई थी. 

फ्रांस में 8 दिसंबर को बिजली हुई मुफ्त 

दरअसल, फ्रांस में 8 दिसंबर को कुछ समय के लिए बिजली की कीमतें जीरो हो गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि फ्रांस में इलेक्ट्रिसिटी की डिमांड कम और सप्लाई ज्यादा हो गई थी, जिस कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा. 8 दिसंबर को फ्रांस में डे-अहेड मार्केट में बिजली की कीमत शून्य हो गई थी, जिसका अर्थ यह है कि उस कुछ घंटों के लिए वहां पर बिजली मुफ्त कर दी गई थी. 

कारण आया सामने

अब ब्लूमबर्ग ने इसके पीछे का कारण बताया है. ब्लूमबर्ग का मानना है कि इसके पीछे की वजह रेयर एनर्जी सरप्लस था. रिपोर्ट में कहा गया कि गर्म सर्दियों में हीटिंग की डिमांड को कम कर दी गई है. इसके अलावा तेज हवाओं ने पवन ऊर्जा संयंत्रों के विंड फार्म में उत्पादन आउटपुट बढ दिया. उसी समय न्यूक्लियर प्लांट लगभग 85% कैपेसिटी पर चल रहे थे, जिससे ग्रिड में और ज़्यादा एक्स्ट्रा सप्लाई जुड़ गई.

एजेंसी ने इस बताया कि यूरोपी देशों में यह हालात ज्यादा से ज्यादा से देखने को मिल रहे हैं। कम डिमांड के चलते रिन्यूएबल जेनरेशन बढ़ने के कारण बिजली की कीमतें तेजी से जीरो हो जाती हैं.

जलवायु परिवर्तन है मुख्य कारण

अब अगर इस मामने की जड़ तक जाएं तो यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है. दरअसल इन दिनों यूरोपी देशों में सर्दियों का मौसम शुरु हो चुका है लेकिन पहले की तुलना में अब ठंड कुछ कम पड़ने लगी है.

जिस कारण नागरिक अब हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल कम करने लगे हैं जिस कारण बिजली की खपत कभी-कभी न के बराबर हो जाती है.