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सगे भाई ने 7 साल तक मेरा रेप किया, मां को बताया तो बोली- चुप रहो वह तुम्हें...: महिला ने बताई आपबीती

शावोघने ने कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और आज उनके 37 साल के भाई कीरन फर्थ को 8 साल जेल की सजा सुनाई गई है. 4 दिसंबर को एक्सेटर क्राउन कोर्ट ने कीरन फर्थ को उसके कुकर्मों की सजा सुनाई. हालांकि कीरन लगातार उस पर लगे आरोपों से इनकार करता रहा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Real brother raped me for 7 years, mother also took brother side Woman told her ordeal

आज की दुनिया में ना जाने कैसी-कैसी वारदातें होती हैं, जिन पर यकीन करना भी मुश्किल हो जाता है. 27 साल की शावोघने फर्थ ने जो आपबीती बताई वह झकझोर देने वाली है. उन्होंने बताया कि मेरे बड़े भाई ने तब से मेरा यौन शोषण करना शुरू कर दिया था जब में 5 साल की थी.

शावोघने ने कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और आज उनके 37 साल के भाई कीरन फर्थ को 8 साल जेल की सजा सुनाई गई है. 4 दिसंबर को एक्सेटर क्राउन कोर्ट ने कीरन फर्थ को उसके कुकर्मों की सजा सुनाई. हालांकि कीरन लगातार उस पर लगे आरोपों से इनकार करता रहा.

कोर्ट ने पाया कि कीरन जब 16 साल का था तब से उसने अपनी बहन का यौन शोषण करना शुरू किया और 22 साल तक वह अपनी बहन के साथ दरिंदगी करता रहा. वहीं जब शावोघने के साथ जब उसने ये घिनौना काम शुरू किया तब उसकी उम्र मात्र 5 साल की थी और 12 साल की उम्र तक लगातार वह अपने भाई की हैवानियत का शिकार बनी.

जान लेने की कोशिश की
शावोघने ने बताया कि इस से तंग आकर उसने अपनी जान लेने की भी कोशिश की. उसने अदालत को बताया कि भाई की इस हरकत से मैं अवसाद, चिंता, सिजोफ्रेनिया और पीटीएसडी से पीड़ित हो गई.

मां ने भी दिया भाई का साथ
शावोघने ने बताया कि जब उन्होंने भाई की हरकत के बारे में अपनी मां को बताया तो मां ने मेरी बातों पर यकीन नहीं किया और कहा कि वह नहाते वक्त केवल उसे साफ करता है जबकि मैं जानती थी कि वह नहाते समय मेरे साथ गलत करता था.

शावोघने ने कहा कि मैंने अपनी मां को चिट्ठी लिखकर यह बताने की कोशिश की. मैं अपने घर में परायों जैसा महसूस करने लगी थी. मुझे लगा कि मेरे दुख, मेरी भावनाओं को वो समझेंगी लेकिन उन भावनाओं को कभी स्वीकार नहीं किया गया. इसके बजाय मुझे इस धारणा से जूझना पड़ा कि मैं किसी के लायक नहीं हूं.

मेरे साथ जो बीत रहा था उस पर किसी को विश्वास नहीं हुआ. वो अनुभव इतने शर्मनाक थे कि उनके बारे में खुलकर बात भी नहीं की जा सकती है.  इससे मेरे  और मेरे भाई के रिश्ते में एक दरार पैदा हो गई जिसे मैं आज भी महसूस कर सकती हूं.

मेरा जीवन बहुत अलग हो सकता था
शावोघने कहती हैं कि मेरा जीवन बहुत अलग हो सकता था. लेकिन अब मैं चाहती हूं कि मैं अपने जैसे अन्य पीड़ितों के लिए कुछ अच्छा कर सकूं और उनकी मदद कर सकूं.

मेरे जीवन में अब माता-पिता नहीं है
शावोघने ने कहा कि मैं अपने उस बचपन के लिए दुखी हूं जिसे ये सब सहना पड़ा लेकिन अब इस बात का भी मुझे दुख है कि अब मेरे जीवन में ना मां है  और न ही पिता. मेरे साथ जो हुआ उससे मैं कभी उबर नहीं पाऊंगी.