रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को चेतावनी दी कि अमेरिका द्वारा इजरायल को प्रत्यक्ष सैन्य सहायता मध्य पूर्व में स्थिति को गंभीर रूप से अस्थिर कर सकती है, जहां छह दिनों से ईरान और इजरायल के बीच हवाई युद्ध जारी है. रूस की एसवीआर विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख सर्गेई नारिश्किन ने अलग से कहा कि ईरान और इजरायल के बीच स्थिति अब अत्यंत गंभीर हो चुकी है.
रयाबकोव ने अमेरिका को इजरायल को सैन्य सहायता देने या इस तरह के “काल्पनिक विकल्पों” पर विचार करने के खिलाफ आगाह किया. रूस की इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा कदम होगा जो पूरी स्थिति को मूल रूप से अस्थिर कर देगा.”
अमेरिका की रणनीति पर चर्चा
इससे पहले, अमेरिकी आंतरिक चर्चाओं से परिचित एक सूत्र ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल के साथ मिलकर हमले सहित कई विकल्पों पर विचार कर रही है. मंगलवार को ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को मारने की बात पर विचार किया, लेकिन कहा, “हम उन्हें अभी नहीं मारेंगे, कम से कम अभी तो नहीं.”
इजरायल का हमला और ईरान का जवाब
पिछले शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, वैज्ञानिकों और शीर्ष सैन्य नेताओं पर अचानक हवाई हमले किए, जिन्हें रूस ने “बिना उकसावे और अवैध” करार दिया. जवाब में, ईरान ने इजरायली शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जिन्होंने जनवरी में ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए थे, ने दोनों पक्षों से शत्रुता समाप्त करने की अपील की है.