menu-icon
India Daily

Israel-Iran war: 'ईरानी वो लोग नहीं तो सरेंडर कर दें...', ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने ट्रंप के सामने झुकने से किया इनकार

13 जून को इसराइल ने ईरान के कथित ‘परमाणु कार्यक्रम’ से जुड़े ठिकानों पर हमला किया था.  इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.  यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बनता जा रहा है. ख़ामेनेई के बयान से साफ है कि ईरान किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
Iran's Supreme Leader Khamenei
Courtesy: Social Media

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने बुधवार (18 जून) को इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. ख़ामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी कि किसी भी सैन्य हस्तक्षेप का जवाब अपूरणीय क्षति के रूप में दिया जाएगा.

अमेरिका को कड़ा जवाब

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अपने बयान में कहा, “अमेरिका की किसी भी तरह के सैन्य हस्तक्षेप का जवाब निश्चित रूप से अपूरणीय क्षति के रूप में दिया जाएगा.” उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान और उसके लोगों को धमकाने की कोशिश व्यर्थ है.  “समझदार लोग जो ईरान, उसके लोगों और उसके इतिहास को जानते हैं, कभी इस देश से धमकी की भाषा में बात नहीं करते, क्योंकि ईरानी वो लोग नहीं हैं जो सरेंडर कर दें. ”

ट्रंप की धमकियों पर पलटवार

सुप्रीम लीडर ने ट्रंप के हालिया बयानों को बेबुनियाद करार दिया.  उन्होंने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति हमें धमकाते हैं। अपनी बेबुनियाद बयानबाज़ी के ज़रिए वे ईरानी जनता से आत्मसमर्पण की मांग करते हैं.  उन्हें उन लोगों को धमकी देनी चाहिए जो धमकियों से डरते हैं, ईरानी जनता ऐसी धमकियों से नहीं डरती. 

इससे पहले, मंगलवार रात ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा, “हमें अच्छी तरह पता है कि तथाकथित सुप्रीम लीडर कहां छिपे हुए हैं.  वह एक आसान निशाना हैं, लेकिन फ़िलहाल वो वहां सुरक्षित हैं. ” ट्रंप ने आगे कहा, “हम उन्हें अभी हटाने (मारने) नहीं जा रहे हैं, कम से कम अभी तो नहीं.  लेकिन हम यह भी नहीं चाहते कि आम नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों पर मिसाइलें दागी जाएं. हमारा सब्र अब ख़त्म होता जा रहा है. 

इजरायल-ईरान तनाव

13 जून को इजरायल ने ईरान के कथित ‘परमाणु कार्यक्रम’ से जुड़े ठिकानों पर हमला किया था.  इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.  यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बनता जा रहा है. ख़ामेनेई के बयान से साफ है कि ईरान किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा.  यह स्थिति वैश्विक कूटनीति के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर सकती है.