लंदन के लोग हर साल जनवरी में एक अनोखी परंपरा का हिस्सा बनते हैं जिसे 'नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड' कहा जाता है. इस दिन, यात्री ठंड की परवाह किए बिना लंदन की अंडरग्राउंड मेट्रो में बिना पैंट के यात्रा करते हैं. हालांकि, उनकी वेशभूषा का ऊपरी हिस्सा सामान्य होता है जैसे सूट, शर्ट, जैकेट आदि. लेकिन वे निचले हिस्से में सिर्फ अंडरवियर और जूते पहनकर सफर करते हैं.
'नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड' क्या है
नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड के दौरान प्रतिभागी रंग-बिरंगी अंडरवियर पहनकर अपने अंदाज और रचनात्मकता को दिखाते हैं. कोई पफर जैकेट पहनता है, तो कोई ट्रेंच कोट या स्कार्फ. लोगों का लक्ष्य है कि वे दूसरों को हंसी और खुशी का एहसास करा सकें.
People riding the tube as they take part in the 12th annual No Trousers Tube Ride in London. pic.twitter.com/qsVFrANt48
— Aaron Chown (@aaronchown) January 8, 2023
क्या है इस परंपरा का इतिहास?
नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड का आयोजन हर साल अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित परफॉर्मेंस आर्ट ग्रुप इम्प्रूव एवरीवेयर द्वारा किया जाता है. यह परंपरा पहली बार 2002 में न्यूयॉर्क सिटी में शुरू हुई थी. इसे “नो पैंट्स सबवे राइड” कहा जाता था. तब केवल सात लोग इसमें शामिल हुए थे.
2006 में, 150 लोगों ने न्यूयॉर्क सिटी में इस आयोजन में भाग लिया और मजे की बात यह रही कि इनमें से आठ को डिसऑर्डरली कंडक्ट के लिए गिरफ्तार कर लिया गया. तब से यह आयोजन हर साल किया जाता है और आज यह विश्वभर के 60 से अधिक शहरों में मनाया जाता है.
इस परंपरा का उद्देश्य और संदेश
आयोजकों का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दूसरों को हंसाना और उनका मनोरंजन करना है. यह समाज में हल्की-फुल्की मस्ती और सकारात्मकता लाने के लिए किया जाता है. "यह सिर्फ एक निर्दोष मस्ती है," एक प्रतिभागी ने बीबीसी से कहा. आयोजकों ने यह भी बताया कि इसमें किसी को उत्तेजित या परेशान करना उद्देश्य नहीं है.
नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड
आज के समय में, जब संस्कृति और परंपराओं को लेकर गंभीर विवाद हो सकते हैं, यह आयोजन जीवन में मस्ती का पहलू जोड़ता है. इस परंपरा का लक्ष्य मनोरंजन और लोगों को हंसाने का है, न कि किसी को उकसाने या परेशान करने का. यह दुनिया को यह सिखाता है कि कुछ हल्के-फुल्के पलों का आनंद लेना जरूरी है.