ढाका, 15 जनवरी: बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया है.
उच्च न्यायालय द्वारा दी गई 10 वर्ष की सजा को पलटते हुए, अदालत ने उन्हें इस मामले से मुक्त कर दिया. यह फैसला प्रधान न्यायाधीश डॉ. सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया.
10 साल की सजा को पलटते हुए मिली राहत
खालिदा जिया, जिनकी उम्र 79 साल है, ने उच्चतम न्यायालय में अपनी अपील की समीक्षा के बाद राहत पाई. 'ढाका ट्रिब्यून' के मुताबिक, अदालत ने उन्हें और उनके बेटे तारिक रहमान समेत सभी आरोपियों को जिया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया. अदालत का कहना था कि यह मामला बदले की भावना से प्रेरित था और इसमें कोई ठोस सबूत नहीं थे.
मामले का ऐतिहासिक फैसला
2018 में, बांग्लादेश की विशेष अदालत ने खालिदा जिया को जिया अनाथालय ट्रस्ट के नाम पर सरकारी धन की कथित हेराफेरी के लिए 5 साल की सजा सुनाई थी. इसी फैसले में खालिदा के बेटे तारिक और अन्य आरोपियों को 10 वर्ष की कठोर सजा भी दी गई थी. उन पर 2.1 करोड़ टका का जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, खालिदा ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, और बाद में 2018 में उनकी सजा 10 साल कर दी गई थी.
अपील में सफलता के बाद मिला मुक्तिदायक फैसला
अपील दायर होने के बाद कानूनी प्रक्रियागत मुद्दों और धीमी गति से चल रही सुनवाई के कारण इस मामले में वर्षों की देरी हुई. लेकिन अंततः उच्चतम न्यायालय ने खालिदा जिया को बरी कर दिया और मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया. खालिदा जिया अब बिमार हैं और इस महीने की शुरुआत में इलाज के लिए लंदन गई थीं। वह 1991 से 1996 तक और फिर 2001 से 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं.
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