Pakistan Election 2024: पाकिस्तान के 2024 के आम चुनाव को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एक लीक हुए दस्तावेज के अनुसार चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली की गई, जिससे शहबाज शरीफ की सरकार को फायदा हुआ. कॉमनवेल्थ ऑब्जर्वर्स ग्रुप पर आरोप है कि उसने इस धांधली को छिपाने के लिए अपनी रिपोर्ट को दबा दिया.
कॉमनवेल्थ में 56 देश शामिल हैं और उन्होंने फरवरी 2024 में हुए पाकिस्तान के चुनाव की निगरानी के लिए 13 लोगों का एक दल भेजा था. इस दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. मतदान केंद्रों के परिणामों और अंतिम नतीजों में कई गड़बड़ियां पाई गईं, जिसके कारण कुछ उम्मीदवारों को गलत तरीके से विजेता घोषित किया गया.
आम तौर पर कॉमनवेल्थ अपनी रिपोर्ट को वोटिंग के कुछ दिनों बाद ही जारी कर देता है. लेकिन 70 साल के इतिहास में पहली बार इस संगठन ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया. इसके बजाय उसने पाकिस्तान के चुनाव को निष्पक्ष बताकर तारीफ की.
द टेलीग्राफ और ड्रॉप साइट न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान की सेना समर्थित सरकार ने कॉमनवेल्थ से इस रिपोर्ट को दबाने की मांग की थी और संगठन ने ऐसा ही किया. यह भी बताया गया कि इस रिपोर्ट को तत्कालीन महासचिव पेट्रिशिया स्कॉटलैंड को सौंपने के बाद पाकिस्तानी सरकार को अनौपचारिक रूप से दिखाया गया था.
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को चुनाव में निशाना बनाया गया. उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने के लिए मजबूर किया गया और उनके चुनाव चिह्नों पर भी रोक लगा दी गई. इससे उनकी पार्टी को भारी नुकसान हुआ और शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को फायदा मिला.
PTI ने कॉमनवेल्थ और यूरोपीय संघ (EU) पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया है. पार्टी के प्रवक्ता सैयद जुल्फिकार बुखारी ने कहा कि यह कॉमनवेल्थ के लिए शर्मिंदगी की बात है कि उसने इतनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट को दबाया. उन्होंने सवाल उठाया कि इस रिपोर्ट को किसके दबाव में छिपाया गया, कितने समय तक इसे दबाया गया और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? PTI ने यह भी पूछा कि कॉमनवेल्थ और EU ने अपनी पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को क्यों तोड़ा?