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फिर शुरू होगी परमाणु साजिश! उत्तर कोरिया में दूतावास खोलने की प्लानिंग बना रहा पाक; जानें भारत के लिए क्यों है खतरा

पाकिस्तान उत्तर कोरिया में फिर से अपना दूतावास खोलने पर विचार कर रहा है. यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के परमाणु परीक्षणों पर दिए गए बयान के बीच चर्चा में है. भारत को इस पर आपत्ति हो सकती है क्योंकि वह पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के बीच संभावित परमाणु सहयोग को लेकर पहले भी चिंता जता चुका है.

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Edited By: Km Jaya
Shehbaz Sharif India daily
Courtesy: @CMShehbaz x account

नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर उत्तर कोरिया में अपना दूतावास खोलने पर विचार कर रहा है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान और चीन समेत कई देश परमाणु हथियारों की टेस्टिंग कर रहे हैं. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के शासन में यह निर्णय भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में बताया कि  उत्तर कोरिया से इस्लामाबाद को एक औपचारिक संदेश मिला है जिसमें दूतावास दोबारा खोलने का अनुरोध किया गया है. कोविड महामारी के बाद पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया में अपना दूतावास बंद कर दिया था. वहीं फिलहाल मौजूदा प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

क्यों हैं व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध सीमित?

डार ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध सीमित हैं. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और एकता का समर्थन जारी रखेगा. पाकिस्तान के इस कदम को लेकर भारत सतर्क नजर रख रहा है क्योंकि अतीत में उत्तर कोरिया की परमाणु तकनीक पाकिस्तान के वैज्ञानिक नेटवर्क से जुड़ी बताई जाती रही है.

भारत को क्यों है आपत्ति?

साल 2017 में भारत ने औपचारिक रूप से उत्तर कोरिया और उसके नेटवर्क की जांच की मांग की थी. 2022 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह मुद्दा उठाया था कि डीपीआरके की परमाणु और मिसाइल तकनीकें दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं. भारत ने कहा था कि ऐसी गतिविधियां पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

ट्रंप ने क्यों की ऐसी घोषणा?

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में परमाणु हथियारों के परीक्षण दोबारा शुरू करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान पहले से ही ऐसा कर रहे हैं. ट्रंप ने इसे 'बराबरी के आधार पर प्रतिस्पर्धा' बताया. उनका यह बयान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले दिया गया था. 

भारत के लिए क्यों है खतरा?

भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है क्योंकि पाकिस्तान और उत्तर कोरिया दोनों ही परमाणु गतिविधियों के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी में हैं. अगर पाकिस्तान उत्तर कोरिया में अपना दूतावास दोबारा खोलता है, तो भारत को इस कदम में संभावित परमाणु सहयोग का खतरा दिखाई दे सकता है.