Pakistan Election Result 2024 Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान की मजबूत 'कप्तानी' की वजह से 'चुनावी नतीजा' सुपर ओवर में फंसता दिख रहा है. हालांकि आर्थिक संकटों से जूझ रहा पाकिस्तान दोबारा चुनाव में जाने कि हिम्मत नहीं जुटा पाएगा. लिहाजा, इमरान समेत देश की अन्य पार्टियां सरकार बनाने का दावा कर रही हैं. इमरान ने जहां अकेले अपने दम पर सबसे बनाने का दावा किया है, तो वहीं नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टी के बीच गठबंधन की बात कही जा रही है. कई पाकिस्तानी रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि पीपीपी और पीएमएल-एन में गठबंधन हो गया है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को एक और झटका लगता दिख रहा है,क्योंकि 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. ऐसे में आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लोगों को राजनीतिक खरीद फरोख्त का डर सताने लगा है, क्योंकि पीपीपी और पीएमएल-एन किसी भी सूरत में निर्दलीयों को साथ लेकर सरकार बनाना चाह रही हैं.
राजनीतिक खरीद फरोख्त की आशंका को देखते हुए एक शख्स की ओर से पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मांग की गई है. आम चुनाव के लिए वोटिंग के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में वकील मौलवी इकबाल हैदर की ओर से याचिका दाखिल की गई है. यचिका में हैदर ने कहा है कि 8 फरवरी के आम चुनाव में लगभग 17,816 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें से लगभग 11,785 ने स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ा. अब तक आए परिणामों से पता चलता है कि पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार अब तक राष्ट्रीय, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाओं में स्पष्ट बहुमत में हैं.
हैदर ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि निर्वाचित स्वतंत्र उम्मीदवारों को उनकी जीत की आधिकारिक अधिसूचना के तीन दिनों के भीतर एक राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए बाध्य किया जाए. याचिका में हैदर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को ये आदेश दे कि अगर निर्वाचित निर्दलीय सदस्य समय पर राजनीतिक दल में शामिल नहीं होते हैं, तो उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संविधान में निर्दलीय सदस्यों को सरकार बनाने की अनुमति देने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आशंका है कि संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को बाधित कर सकता है.
फिलहाल, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 102 सीटें जीतीं हैं, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से 31 सीटें पीछे रह गई. 266 सीटों वाली नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) सिर्फ 73 सीटें ही हासिल कर सकी है. बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतीं हैं. कुछ सीटों का परिणाम अभी घोषित नहीं हुआ है. कहा जा रहा है कि इमरान खान को सत्ता से दूर रखने के लिए नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो एक साथ आ सकते हैं, लेकिन दोनों के साथ आने के बाद भी वे सरकार बनाने के जरूरी आंकड़े से दूर ही रहेंगे. ऐसे में उनकी नजर निर्दलीयों पर है.