menu-icon
India Daily

Pakistan Donkey News: चीन में मर्दाना ताकत की दवा बनाने के लिए पाकिस्तानी गधों की लूट, जानिए कितनी बढ़ी संख्या?

Pakistan Donkey News: चीन में गधों की संख्या तेजी से घटी है, इसलिए अब वह पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों से गधे खरीद रहा है. पाकिस्तान ने चीन की बढ़ती मांग के कारण पशु निर्यात के नियमों में ढील दी है.

auth-image
Edited By: Anvi Shukla
Pakistan Donkey News
Courtesy: social media

Pakistan Donkey News: पाकिस्तान में इस साल गधों की आबादी में उल्लेखनीय इजाफा देखा गया है. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष की तुलना में इस बार गधों की संख्या 1,09,000 बढ़कर 60.8 लाख से ज्यादा हो गई है. यह लगातार तीसरा साल है जब गधों की तादाद में वृद्धि दर्ज की गई है.

इस तेजी से बढ़ती आबादी के पीछे एक बड़ी वजह चीन में इनकी खाल और मांस की जबरदस्त डिमांड है. चीन में गधों की खाल से बनाई जाने वाली पारंपरिक औषधि 'Ejiao' काफी लोकप्रिय है. यह औषधि त्वचा, रक्तसंचार और प्रजनन संबंधी समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल होती है. चीन में अमीर वर्ग के बीच यह दवा काफी चर्चित है.

गधों के लिए खुल रहे बूचड़खाने

 

बीते कुछ सालों में चीन में गधों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते अब वहां की मांग पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों से पूरी की जा रही है. इसी मांग को देखते हुए पाकिस्तान ने पशु निर्यात से जुड़े नियमों में ढील दे दी है.

जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वादर में एक बूचड़खाना खासतौर पर गधों के मांस, खाल और हड्डियों के लिए खोला गया है, ताकि चीन की मांग को पूरा किया जा सके. चीन हर साल करीब 59 लाख गधों की जरूरत जताता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में पशु कल्याण समूहों और विशेषज्ञों ने चेताया था कि इतनी अधिक मांग के चलते हर साल लाखों गधों को मारा जाता है.

पाकिस्तान में अन्य जानवरों की बढ़ती आबादी

गधों के अलावा पाकिस्तान में भैंसों की संख्या 1.38 मिलियन बढ़कर 47.688 मिलियन, बकरियों की संख्या 2.35 मिलियन बढ़कर 89.393 मिलियन और भेड़ों की संख्या 3.88 लाख बढ़कर 33.119 मिलियन तक पहुंच गई है.

गधों की बढ़ती आबादी ने पाकिस्तान को एक अनोखे व्यापार अवसर का रास्ता दिखाया है. चीन की पारंपरिक दवाओं की मांग ने पाकिस्तान की पशुपालन नीतियों में नई दिशा दी है. लेकिन पशु अधिकार कार्यकर्ता इस बढ़ती मांग को लेकर चिंतित हैं.