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India Daily

अफगानिस्तान की चेतावनी से पाकिस्तान की अक्ल आई ठिकानें, करने लगा शांति समझौते की बातें!

पाकिस्तान ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है, हालांकि काबुल की ओर से युद्ध की चेतावनी मिलने के बाद शांति वार्ता रुक गई है. तुर्की के मंत्री जल्द ही पाकिस्तान की यात्रा करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच शांति समझौते पर चर्चा की जा सके. पाकिस्तान ने माना कि तीसरा दौर खत्म हो गया है और उसकी सबसे बड़ी चिंता अफगानिस्तान से आने वाला आतंकवाद है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Pakistan Afghanistan peace talks India Daily
Courtesy: Gemini AI

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है, भले ही काबुल की ओर से युद्ध की चेतावनी मिलने के बाद शांति वार्ता रुक गई हो.  मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तुर्की के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और खुफिया प्रमुख इस हफ्ते पाकिस्तान का दौरा करेंगे ताकि अफगानिस्तान के साथ शांति समझौते पर बातचीत की स्थिति पर चर्चा की जा सके. 

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पहली बार स्वीकार किया कि तीसरे दौर की वार्ता शुक्रवार को समाप्त हो गई.  मंत्रालय ने बयान में कहा कि पाकिस्तान बातचीत के जरिए सभी विवादों को सुलझाना चाहता है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी चिंता अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद को रोकना है. 

इस्तांबुल में हुई थी दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात

दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हाल ही में इस्तांबुल में हुई थी, ताकि 19 अक्टूबर को कतर में हुए युद्धविराम समझौते को मजबूत किया जा सके.  इस वार्ता से पहले सीमा पर हुई गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई थी, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए थे. 

तुर्की कर रहा दोनों देशों के बीच मध्यस्थता

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने भी कहा कि उनका देश इस्लामाबाद और काबुल के बीच स्थायी शांति और युद्धविराम स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.  उन्होंने बताया कि तुर्की, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच होने वाली आगामी बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता लाना है. 

क्या है आगामी बैठक के मुख्य उद्देश्य?

वहीं, तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर शांति वार्ता विफल करने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान की मांगें अनुचित थीं.  अफगान सरकार के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर लड़ाई होती है, तो उसे अपनी रक्षा का अधिकार है.  उन्होंने यह भी दोहराया कि अफगानिस्तान किसी को भी अपने क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देगा. 

पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकी समूहों को शरण देता है, जो पाकिस्तान में हमले करते हैं.  हालांकि, अफगान तालिबान इन आरोपों को खारिज करता है.  दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, तुर्की और क़तर जैसे देश इन पड़ोसियों के बीच संवाद और शांति बहाली के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं.