Nobel Peace Prize: नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को वेनेजुएला की विपक्षी नेता और लोकतंत्र कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प बीते कई महीने से नोबेल की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल कमेटी ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जिन्होंने कम से कम सात अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने का दावा किया है , लंबे समय से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए लालायित थे और कई बार उन्होंने खुले तौर पर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने की इच्छा व्यक्त की. उनके डेमोक्रेटिक पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने 2009 में यह शांति पुरस्कार जीता था.
ट्रम्प को नोबेल क्यों नहीं मिला?
नॉर्वे नोबेल समिति ने शांति पुरस्कार के लिए ट्रम्प की दावेदारी पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि प्रतिष्ठित पुरस्कार देने का निर्णय नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल के कार्य और इच्छा पर आधारित है. समिति के अध्यक्ष जॉर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "यह समिति सभी पुरस्कार विजेताओं के चित्रों से भरे एक कमरे में बैठती है और यह कमरा साहस और निष्ठा से भरा है. इसलिए, हम अपना निर्णय केवल अल्फ्रेड नोबेल के कार्य और इच्छाशक्ति के आधार पर लेते हैं. "
ट्रम्प को इस पुरस्कार के लिए रूस, रवांडा, गैबॉन, अज़रबैजान और कंबोडिया सहित दुनिया भर से कई नामांकन प्राप्त हुए थे. इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और पाकिस्तानी नेता शहबाज शरीफ सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति को इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया है. हालांकि, पुरस्कार देने वाली समिति ने कहा कि उन्होंने शांति पुरस्कार के संबंध में अभियान और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के कई उदाहरण देखे हैं.
हमें हर साल हजारों पत्र प्राप्त होते हैं...
जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने कहा, "हमें हर साल हजारों पत्र प्राप्त होते हैं, जिनमें लोग यह बताना चाहते हैं कि उनके लिए शांति का मार्ग क्या है. " उन्होंने आगे कहा कि समिति वार्षिक पुरस्कार प्रदान करते समय साहस और निष्ठा को महत्व देती है. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत कई मौकों पर दोहराया था कि "सात महीनों में सात युद्ध" समाप्त करने में उनके योगदान के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए था. गुरुवार को लागू हुआ गाजा में युद्धविराम ट्रंप द्वारा 'मध्यस्थता' किया गया आठवां संघर्ष होगा.
समिति ने कहा- लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है. जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना जरूरी हो जाता है. 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 थी. इस तिथि के बाद प्राप्त नामांकनों पर विचार नहीं किया गया. नामांकन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होती है, और 31 फरवरी तक मिले नामांकनों को ही मान्य माना जाता है.