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ट्रंप का सपना चकनाचूर, मारिया कोरिना मचाडो को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई. वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 दिया गया है और इसी के साथ डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल पुरस्कार पाने की चाहत अधूरी रह गई.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Nobel Peace Prize 2025
Courtesy: x

Nobel Peace Prize 2025: शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई. वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 दिया गया है और इसी के साथ इस बार डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल पुरस्कार पाने की चाहत अधूरी रह गई. मचाडो को यह पुरस्कार वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों की बढ़ावा देने के लिए दिया गया है. 

1967 में वेनेजुएला में जन्मीं मचाडो ने लगातार वेनेजुएला में बढ़ते अधिनायकवाद के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई. मचाडो ने इंजीनियरिंग और फाइंनेंस की पढ़ाई की है और कुछ समय तक उन्होंने बिजनेस में भी हाथ आजमाया. साल 1992 में उन्होंने एंटेनिया फाउंडेशन की स्थापना की   जो कराकस में बेघर बच्चों के कल्याण के लिए काम करता है.

साल 2010 में वह रिकॉर्ड वोटों से जीतकर संसद पहुंचीं

10 साल बाद वह सुमाते की संस्थापकों में से एक बनी जो लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के बढ़ावा देता है और ट्रेनिंग और चुनाव निगरानी का संचालन करता है. साल 2010 में वह रिकॉर्ड वोटों से जीतकर संसद पहुंचीं. हालांकि 2014 में उन्हें पद से हटा दिया गया.

मचाडो वेंटे वेनेजुएला विपक्षी दल का नेतृत्व करती हैं और साल 2017 में उन्होंने सोय वेनेजुएला गठबंधन की स्थापना में मदद की थी जो देश में लोकतंत्र समर्थकों को देश की विभाजनकारी राजनीतिक ताकतों के खिलाफ एकजुट करता है.

राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से रोका गया

साल 2023 में उन्होंने 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की लेकिन जब उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया तो उन्होंने विपक्ष के वैकल्पिक उम्मीदवार, एडमंडो गोंजालेज उरुतिया का समर्थन किया. इसके बाद विपक्ष ने व्यापक रूप से लामबंदी की और व्यवस्थित दस्तावेज इकट्ठा कर बता दिया कि उरुतिया ही चुनाव के असली विजेता हैं. मचाडो को वेनेजुएला में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए शांति का पुरस्कार दिया गया है लेकिन दुर्भाग्य ये है कि दुनियाभर में लोकतंत्र को दबाने की कोशिशें की जा रही हैं.