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मां ने दो बच्चों की हत्या कर सूटकेस में छिपाए शव, बाद में हुआ सनसनीखेज खुलासा

न्यूजीलैंड में हाक्युंग ली नाम की महिला को अपने दो बच्चों की हत्या कर उनके शव सूटकेस में छिपाने के मामले में 17 साल की जेल हुई. कोर्ट ने इसे पूरी तरह ‘सोची-समझी वारदात’ माना.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक मां ने अपने ही दो मासूम बच्चों की हत्या कर उनके शव सूटकेस में छिपा दिए. 

यह घटना 2018 की है, लेकिन बच्चों के अवशेष 2022 में तब मिले जब ऑकलैंड के स्टोरेज यूनिट का किराया न भर पाने पर उसकी सामग्री ऑनलाइन नीलाम कर दी गई. अब अदालत ने आरोपी मां हाक्युंग ली को न्यूनतम 17 साल कैद की सजा सुनाई है और इसे एक ‘गंभीर और योजनाबद्ध अपराध’ कहा है.

‘कैल्क्युलेटेड’ हत्या और सूटकेस में छुपाए शव

कोर्ट में पेश दस्तावेजों के अनुसार, हाक्युंग ली ने अपने बच्चों 8 साल की यूना जो और 6 साल के मिनू जो को एंटीडिप्रेसेंट दवाएं देकर उनकी हत्या की. यह वारदात न सिर्फ दर्दनाक थी, बल्कि योजनाबद्ध भी थी, क्योंकि हत्या के बाद उसने दोनों के शवों को सूटकेस में बंद कर एक स्टोरेज यूनिट में रख दिया. यह यूनिट वर्षों तक बंद पड़ी रही, जिसकी वजह से किसी को शक भी नहीं हुआ. अदालत ने माना कि यह कदम पूरी तरह सोचे-समझे तरीके से उठाया गया था.

स्टोरेज यूनिट की नीलामी से खुला राज

2018 में हत्या के बाद 2022 में सच तब सामने आया जब आर्थिक तंगी के कारण ली स्टोरेज यूनिट का किराया नहीं भर पाई. मंजूरी प्रक्रिया के बाद उस यूनिट की सामग्री ऑनलाइन बेची गई, और खरीदारों ने सूटकेस खोलते ही बच्चों के अवशेष देख पुलिस को सूचना दी. इस घटना ने पूरे न्यूजीलैंड में हड़कंप मचा दिया. पुलिस ने इसे हाल के वर्षों का सबसे भयावह मामला बताया और तुरंत जांच शुरू की.

अदालत में मानसिक बीमारी की दलील खारिज

नवंबर 25 की सुनवाई में ली की कानूनी टीम ने दलील दी कि अपराध मानसिक बीमारी के दौर में हुआ और ली को जेल में धमकियों और एकांतवासी स्थिति का सामना करना पड़ा. लेकिन जज ज्यॉफ्री वेनिंग ने कहा कि उसके अवसाद के बावजूद यह ‘डिलिबरेट और कैल्क्युलेटेड’ हत्या थी, इसलिए सजा में कमी की गुंजाइश नहीं है. अदालत ने उसकी पागलपन वाली दलील को पहले ही खारिज कर दिया था.

पति की मौत के बाद बिगड़ी मानसिक हालत

अदालत को बताया गया कि पति की मौत के बाद ली की मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती गई. हत्या के बाद वह दक्षिण कोरिया भाग गई और नई पहचान बनाकर रहती रही. ली मूल रूप से दक्षिण कोरिया में जन्मी थी, लेकिन बाद में न्यूजीलैंड की नागरिकता मिल चुकी थी. उसके पुराने नाम ‘जी यून ली’ का भी रिकॉर्ड में जिक्र आया. उसका यह भागना घटना को और संदिग्ध बनाता है.

परिवार और पुलिस की भावुक प्रतिक्रियाएं

बच्चों के अंकल जिमी से वूक जो ने अदालत में बयान दिया कि वह खुद को दोषी मानते हैं कि वे बच्चों का ख्याल नहीं रख सके. बच्चों की दादी ने कहा कि उन्हें ऐसा दर्द हुआ मानो किसी ने उनकी छाती चीर दी हो, और यह घाव शायद जीवनभर नहीं भरेगा. पुलिस अधिकारी तोफिलाउ वा’एलुआ ने कहा कि आज मिनू 13 और यूना 16 साल के होते. उन्होंने दक्षिण कोरियाई अधिकारियों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.