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भारत के सामने झुका अमेरिका का सबसे बड़ा अखबार NYT, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को बताया था 'रिवेंज'

New York Times Changed his Anti-Hindu Headline: बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच प्रदर्शनकारी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. हिंदुओं के घरों, मंदिर और बिजनेसेस को निशाना बनाया जा रहा है. इन सबके बीच अमेरिकी अखबर न्यू यार्क टाइम्स ने अपने पोर्टल पर एक खबर छापी उस खबर की हेडलाइन एंटी हिंदू रखी. लेकिन जब अलग -अलग प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने NYT की पोल खोली तो उसे अपनी हेडलाइन बदलनी पड़ी.

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Edited By: India Daily Live
New York Times
Courtesy: Social Media

New York Times Changed his Anti-Hindu Headline: अमेरिकी अखबर न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपने पोर्टल पर गुरवार को बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर एक खबर चलाई. खबर की हेडलाइन में को हिंदू विरोधी रखा गया था. अमेरिकी अखबर ने हेडलाइन दी थी कि पीएम शेख हसीना के भाग जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदू रिवेंज अटैक फैस कर रहे हैं. अखबार इस हेडलाइन के जरिए यह कहना चाह रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो अत्याचार हो रहा है वह बदला है. यानी हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार गलत नहीं है. ऐसा न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी स्टोरी की हेडलाइन से बताना चाहा. लेकिन इस हेडलाइन को लेकर जब सोशल मीडिया पर भारतीयों ने हल्ला बोला तो अमेरिकी अखबार की हवा निकल गई. 

अमेरिकी अखबर ने कुछ ही देर में अपनी हेडलाइन को बदल दिया. हिंदू विरोधी हेडलाइन को बदलकर अमेरिकी अखबार ने पोर्टल पर छपी स्टोरी को दूसरा टाइटल दिया. 

पहले लिखा बांग्लादेश में हिंदुओं से लिया जा रहा बदला, हुई आलोचना तो बदली हेडिंग

सोशल मीडिया पर जब हिंदुस्तानियों ने न्यू यॉर्क टाइम्स की स्टोरी की हेडलाइन को जोरदार तरीके से शेयर करते हुए विरोध किया. अखबार आर्टिकल की हेडलाइन पहले इस तरह दी थी- 'हिंदूज इन बांग्लादेश फेस रिवेंज अटैक ऑफ्टर प्राइम मिनिस्टर एग्जिट'. इसके बाद जब सोशल मीडिया पर इस खबर की हेडलाइन को भारतीयों ने शेयर करते हुए आलोचना की तो हेडिंग को बदलकर ऐसा कर दिया गया-'हिंदूज इन बांग्लादेश फेस अटैक ऑफ्टर प्राइम मिनिस्टर एग्जिट.' 

सोशल मीडिया पर हुई NYT की आलोचना

दुनिया भर के लोगों द्वारा अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आलोचना किये जाने के बाद अमेरिकी मीडिया हाउस ने अपनी हेडलाइन बदल दी.

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी गलती पर कोई भी माफी नहीं मांगी. न ही कोई स्पष्टीकरण दिया. 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार

1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले जवानों के परिवारों के लिए 30% नौकरियों को आरक्षित करने वाली विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अशांति के बीच प्रधान मंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद सैकड़ों हिंदू घरों, व्यवसायों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है. हिंसात्म भीड़ मुख्य तौर पर बांग्लादेश के हिंदुओं को निशाना बना रही है. 

भारत ने इसका कड़ा विरोध भी जताया है. हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय बांग्लादेश पर अपनी नजर बनाए हुए है. 

सूत्रों के अनुसार भारत ने बांग्लादेश स्थित अपने दूतावास और वाणिज्य दूतावासों से सभी गैर-आवश्यक कर्मचारियों और उनके परिवारों वापस बुला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सभी भारतीय राजनयिक बांग्लादेश में ही हैं और काम कर रहे हैं. 

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के 199 यात्रियों और छह नवजात बच्चों को लेकर एयर इंडिया का एक विमान बुधवार की सुबह-सुबह ढाका से दिल्ली आया था. 

बांग्लादेश में लगातार घट रही है हिंदुओं की जनसंख्या

बांग्लादेश की जनसंख्या 17 करोड़ से ऊपर है. इसमें हिंदुओं की जनसंख्या 8 फीसदी है. एक रिपोर्ट के अनुसार  1901 में बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंखाया 33 फीसदी थी. 1961 में यह 18.5 फीसदी बची. 1991 में यह 10.5 फीसदी पर आ गई  और 2011 की जनगणना के अनुसार बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या 8.5 फीसदी ही है.