Nawaz Sharif: लंदन से चार साल बाद वापस पाकिस्तान लौटने के बाद नवाज शरीफ ने एक बड़ा बयान दिया है. भारत के साथ रिश्ते को लेकर बातचीत करते हुए नवाज शरीफ ने कारगिल की लड़ाई को लेकर एक बड़ा कबूलनामा किया है.
नवाज शरीफ में अपने बयान में कहा है कि उन्हें 1999 में सत्ता से सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के कारगिल प्लान का समर्थन नहीं किया था. आपको बताते चलें, नवाज शरीफ ने पहली बार इस बात को कबूला है कि उन्हें कारगिल में मुशर्रफ के खतरनाक प्लान के बारे में जानकारी थी.
नवाज शरीफ ने कहा कि जब मैंने कारगिल योजना का विरोध करते हुए यह कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए तो परवेज मुशर्रफ ने मुझे बाहर कर दिया था. इसके बाद मैंने जो कहा था वही सच साबित हुआ. नवाज शरीफ ने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले को सही तरीके से संभाला था और परवेज मुशर्रफ से कहा था कि कारगिल में जंग नहीं होनी चाहिए.
आपको बताते चलें, इससे पहले नवाज शरीफ ने कहा था कि उन्हें कारगिल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. 'फ्रॉम कारगिल टू द कूप' में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि नवाज को कारगिल के हालातों की जानकारी बहुत बाद में दी गई थी.
भारत और पाकिस्तान के बीच मई 1999 में कारगिल में लड़ाई की शुरुआत हुई थी जो जुलाई में खत्म हुई थी. पाकिस्तानी सेना ने भारत के जम्मू और कश्मीर में कारगिल की ऊंचाइयों पर भारतीय सेना की खाली चौकियों पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारतीय सेना ने अपनी चौकियों पर दोबारा कब्जा हासिल किया था.