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नासा ने ब्लैक होल से निकलने वाली 'डरावनी' ध्वनि तरंगों को किया कैद, सुनकर कांप जाएगी रूह

इन ध्वनि तरंगों को 57 और 58 अष्टकों पर स्थानानंतरित किया गया है ताकि उन्हें इंसानी कानों से सुना जा सके, क्योंकि असली ध्वनि तरंगें इंसानी कानों की सुनने की रेंज से काफी नीचे हैं.

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Edited By: India Daily Live
 black hole
Courtesy: NASA

Black Hole: नासा ने एक दिल दहला देने व वाला ऑडियो क्लिप जारी किया है, जिसमें 250 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस आकाशगंगा समूह के केंद्र में स्थित एक विशाककाय ब्लैक होल से निकलने वाली ध्वनि तरंगों को कैद किया गया है. इन ध्वनि तरंगों को 57 और 58 अष्टकों पर स्थानानंतरित किया गया है ताकि उन्हें इंसानी कानों से सुना जा सके, क्योंकि असली ध्वनि तरंगें इंसानी कानों की सुनने की रेंज से काफी नीचे हैं.

ध्वनिक तरंगों की खोज
ब्लैक होल से आने वाली भयानक गुनगुनाहट की आवाज पहली बार 2003 में तब सुनी गई थी जब खगोलविदों ने पर्सियस क्लस्टर में सुपरमैसिव ब्लैक होल के आस-पास की गैस के माध्यम से ध्वनि तरंगों को तरंगित होते देखा था. ब्रह्मांड में रिकॉर्ड की गई सबसे कम रेंज की ध्वनि  B-flat थी, जो कि मानव की सुनने की सीमा से काफी नीचे थी, उस पिच पर 10 मिलियन वर्षों का आवृत्ति चक्र था.

नासा के हालिया सोनिफिकेशन ने इन ध्वनि तरंगों को बढ़ाया, जिससे हमें यह सुनने में मदद मिली कि अंतरिक्ष में यात्रा करते समय वे कैसी लगेंगी. इस प्रक्रिया में ब्लैक होल के केंद्र से वामावर्त दिशा में निकाली गई तरंगों को बजाना शामिल था, जिससे वे सभी दिशाओं में काफी बढ़ी हुई पिचों अपनी ऑरिजनल आवृत्ति से 144 क्वाड्रिलियन और 288 क्वाड्रिलियन गुना अधिक पर सुनाई देने लगीं.

काफी भयानक और रहस्यमयी हैं ध्वनि

अन्य ब्रह्मांडीय ध्वनि तरंगों की तरह ये तरंगें भी काफी भयानक और रहस्यमयी हैं. आकाशगंगाओं के समूहों के बीच बहने वाली गैस और प्लाजमा, जिसे इंट्राक्लस्टर माध्यम से रूप में जाना जाता है, बाहरी अंतर-आकाशगंगा की तुलना में अधिक सघन और गर्म है. ये ध्वनि तरंगें तारा नियमन को प्रभावित कर सकती हैं और ये आकाशगंगा समूहों के दीर्घकालिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.