90 फीट का एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ 29,961 किमी प्रति घंटे की गति से आ रहा है. स्पेस एजेंसी नासा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ये बड़ा एस्टेरॉयड आज यानी शनिवार को धरती के पास से गुजरेगा. नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के अनुसार, यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से 1.8 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. हालांकि यह दूरी काफी बड़ी लग सकती है, लेकिन खगोलीय दृष्टि से इसे बहुत करीब माना जा सकता है.
2024 KA1 को एस्टेरॉयड के अपोलो समूह में कैटेगराइज किया गया है. इसके विशाल आकार के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पृथ्वी ग्रह को कोई सीधा खतरा नहीं है. निकट-पृथ्वी वस्तुओं (NEO) के विशाल से एस्टेरॉयड से कोई तत्काल खतरा नहीं होता है. पीएचए को उनके आकार से परिभाषित किया जाता है, जो 460 फीट से अधिक होता है और पृथ्वी की कक्षा से उनकी निकटता 7.5 मिलियन किमी के करीब होती है.
नासा और इसकी सोध संस्थाएं इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सारा डेटा एकत्र करने के बाद किसी भी संभावित खतरों की निगरानी की जा रही है. नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम रडार ग्रुप जैसी रडार परियोजनाएं भी NEO की संरचना और गति के बारे में अपना इनपुट देती रहती हैं.
11 जून 2024 को दो और एस्टेरॉयड पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरेंगे. एस्टेरॉयड 2024 एलडी, जिसकी लंबाई लगभग 67 फीट है, पृथ्वी से लगभग 4,635,552 किमी के भीतर से गुजरेगा और एस्टेरॉयड 2024 सीआर9, जिसकी लंबाई लगभग 1,400 फीट है, पृथ्वी से लगभग 7,371,520 किमी के भीतर से गुजरेगा. धरती से एस्टेरॉयड की टक्कर बहुत ही दुर्लभ घटना है, लेकिन इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ग्रह की आकार के तुलना में एस्टेरॉयड बेहद छोटे हैं. धरती का व्यास करीब 12,756 किलोमीटर का है. ऐसे में धरती का गुरुत्वाकर्षण भी बेहद शक्तिशाली है.