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Myanmar violence: म्यांमार में क्रैश हुआ आतंकिस्तान का एक और झूठ, विद्रोहियों ने पाकिस्तानी JF-17 को कर दिया ढेर? सामने आई तस्वीरें

यह हादसा सागाइंग के पेल टाउनशिप में मंगलवार दोपहर हुआ, जो मांडले शहर से 140 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. सरकारी टीवी चैनल MRTV ने घटना की पुष्टि की लेकिन विमान की पहचान और पायलट की स्थिति को लेकर चुप्पी साधे रखी. जहां सरकारी पक्ष इसे तकनीकी खराबी बता रहा है, वहीं विद्रोही संगठन ने विमान को मार गिराने का दावा किया है. हालांकि, उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे संदेह बना हुआ है.

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Edited By: Reepu Kumari
Myanmar violence
Courtesy: Pinterest

Myanmar violence: म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में एक सैन्य लड़ाकू विमान के क्रैश होने की घटना ने अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब देश पहले से ही आंतरिक संघर्षों और नागरिक युद्ध के दौर से गुजर रहा है. सरकारी मीडिया इसे यांत्रिक खराबी का नतीजा बता रहा है, जबकि एक स्थानीय विद्रोही समूह ने दावा किया है कि यह उनकी कार्रवाई का परिणाम है. इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह वही JF-17 फाइटर जेट था जिसे पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर म्यांमार को सप्लाई किया था?

अगर यह दावा सही निकलता है, तो यह म्यांमार के गृहयुद्ध में इस आधुनिक लड़ाकू विमान की पहली लड़ाकू क्षति मानी जाएगी, जिससे इसकी दक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं.

घटना का विवरण

यह हादसा सागाइंग के पेल टाउनशिप में मंगलवार दोपहर हुआ, जो मांडले शहर से 140 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. सरकारी टीवी चैनल MRTV ने घटना की पुष्टि की लेकिन विमान की पहचान और पायलट की स्थिति को लेकर चुप्पी साधे रखी.

सरकारी दावा v/s विद्रोही आरोप

जहां सरकारी पक्ष इसे तकनीकी खराबी बता रहा है, वहीं विद्रोही संगठन ने विमान को मार गिराने का दावा किया है. हालांकि, उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे संदेह बना हुआ है.

क्या JF-17 था यह जेट?

स्थानीय मीडिया ने चीन निर्मित FTC-2000G की पहचान की है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स इसे पाकिस्तान का JF-17 मान रही हैं. यदि ऐसा है, तो यह इस विमान की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा, खासकर संघर्ष वाले इलाकों में.

बढ़ती एंटी-एयरक्राफ्ट ताकत

विशेषज्ञों के मुताबिक, सागाइंग क्षेत्र में विद्रोहियों ने हाल के वर्षों में अपनी विमान रोधी क्षमताएं काफी बढ़ाई हैं, जिससे इस तरह के हमले अब मुमकिन नजर आने लगे हैं.

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