Tensions Rise Between Iran, Israel, And The US: मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है, क्योंकि खुफिया सूत्रों ने इजरायल के ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले की आशंका जताई है. अमेरिका ने इस खतरे को देखते हुए अपनी सैन्य और राजनयिक तैयारियां तेज कर दी हैं. विदेश विभाग ने इराक में गैर-आवश्यक दूतावास कर्मचारियों को निकालने की मंजूरी दी है, जबकि पेंटागन ने क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य परिवारों को स्वेच्छा से निकलने की अनुमति दी है.
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को डर है कि इजरायल बिना अमेरिकी सहमति के ईरान पर हमला कर सकता है, जिससे अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता पटरी से उतर सकती है. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, तेहरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल हमला करता है, तो अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इसके जवाब में, विदेश विभाग ने मध्य पूर्व, पूर्वी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में अपने दूतावासों को आपातकालीन बैठकें करने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आदेश दिया है. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सैन्य परिवारों को निकासी की अनुमति दी, और यूएस सेंट्रल कमांड सहयोगियों के साथ मिलकर स्थिति पर नजर रख रहा है. एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा, 'हम चिंतित हैं. यह पहले से कहीं ज्यादा गंभीर है.'
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने 31 मई 2025 को बताया कि ईरान के पास 408.6 किलोग्राम 60% तक समृद्ध यूरेनियम है, जो हथियार-ग्रेड (90%) से एक कदम दूर है. यह पिछले तीन महीनों में 50% की वृद्धि है. IAEA के अनुसार, यह मात्रा 10 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त है, अगर इसे और समृद्ध किया जाए. ईरान ने इन दावों को 'राजनीति से प्रेरित' बताकर खारिज किया और कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. हालांकि, IAEA ने चेतावनी दी कि ईरान ने लविसान-शियान, वरमिन और तुर्कुजाबाद में गुप्त परमाणु गतिविधियों के बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु समझौते पर संदेह जताया है. न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए बयान में उन्होंने कहा, 'मैं अब पहले जितना आश्वस्त नहीं हूं.' अमेरिका ने मांग की है कि ईरान पूरी तरह से यूरेनियम समृद्धिकरण बंद करे, लेकिन ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे 'अस्वीकार्य' बताया. ओमान में 15 जून 2025 को होने वाली छठे दौर की वार्ता में देरी की आशंका है. अराघची ने कहा कि परमाणु हथियारों के खिलाफ ट्रम्प का रुख ईरान के सिद्धांतों से मेल खाता है, और एक समझौता संभव है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान 'परमाणु हथियार बनाने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध' है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, इजरायल हवाई हमलों और कमांडो ऑपरेशनों की योजना बना रहा है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ महीनों या एक साल के लिए पीछे धकेल सकता है. ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर उसकी परमाणु साइटों पर हमला हुआ, तो वह इजरायल के गुप्त परमाणु ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेगा. ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि इजरायल को 'विनाशकारी जवाब' मिलेगा.