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पाकिस्तान-बांग्लादेश ने दी भारत को बड़ी टेंशन, काहिरा में मिले यूनुस और शरीफ, इस मुद्दे पर हुई डील

बैठक के दौरान, बांग्लादेश के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से आग्रह किया कि दोनों देशों के बीच 1971 के मुद्दों को “एक बार और हमेशा के लिए सुलझाया जाए.” यूनुस ने कहा, “यह मुद्दा बार-बार सामने आता है. आइए, हम इसे सुलझाकर आगे बढ़ें ताकि भविष्य की पीढ़ियों को इसका असर न हो.”

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Muhammad Yunus and Shehbaz Sharif met in Cairo discussed solving the 1971 issue once and for all

काहिरा में 19 दिसंबर 2024 को आयोजित डि-8 शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में दोनों नेताओं ने 1971 के मुद्दों को सुलझाने के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने पर चर्चा की.

1971 के मुद्दों को सुलझाने की अपील
बैठक के दौरान, बांग्लादेश के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से आग्रह किया कि दोनों देशों के बीच 1971 के मुद्दों को “एक बार और हमेशा के लिए सुलझाया जाए.” यूनुस ने कहा, “यह मुद्दा बार-बार सामने आता है. आइए, हम इसे सुलझाकर आगे बढ़ें ताकि भविष्य की पीढ़ियों को इसका असर न हो.”

इसके जवाब में, प्रधानमंत्री शरीफ ने 1974 में हुए त्रिपक्षीय समझौते का जिक्र किया, जिसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत ने युद्ध बंदियों की वापसी और विभिन्न अन्य समस्याओं के समाधान पर सहमति जताई थी. हालांकि, शरीफ ने कहा कि यदि अभी भी कोई बचे हुए मुद्दे हैं, तो वह उन्हें हल करने के लिए तैयार हैं.

दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में कदम
इसके अलावा, यूनुस और शरीफ ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापार, सांस्कृतिक और खेल आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी चर्चा की. दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न उपायों की बात की और साथ ही इस पर भी सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं.

प्रधानमंत्री शरीफ ने बांग्लादेश से पाकिस्तान आने-जाने वाली उड़ानों को सुगम बनाने के लिए यूनुस का आभार भी व्यक्त किया. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में पाकिस्तान के कराची से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक पहली सीधी मालवाहन नौका सेवा शुरू की गई थी, जिसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

इस बैठक के माध्यम से यह साफ हो गया कि 1971 के मुद्दों को सुलझाने और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों ही गंभीर हैं, और इस प्रकार की सकारात्मक चर्चाओं से भविष्य में दक्षिण एशिया में शांति और सहयोग की नई संभावनाएं खुल सकती हैं.