ईरान ने इजरायल पर मंगलवार की देर रात मिसाइलों से हमला किया. इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने विशेषज्ञ के साथ बातचीत की, इस दौरान विदेश मंत्री ने इजरायल को इस हमले का जबाव देने का बात भी कही. मध्य पूर्व में हाल में जो तनाव चल रहा है. वह गहरी चिंता का विष्य है. भारत इस समय मध्य पूर्व में चल रहे तनाव को लेकर काफी चिंतित है। विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस युद्ध पर नजर रखी जा रही है. भारत ने कहा कि संघर्ष बड़ा रुप ना ले. साथ ही भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान की माने तो सभी परस्पर विरोधी मुद्दों को सुलझाने के लिए "बातचीत और कूटनीति" का सहारा लिया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय द्वारा यह भी कहा गया कि, हम पश्चिम एशिया में सुरक्षा बिगड़ने पर काफी चिंतित हैं, विदेश मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने व नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान दोहराने की बात कही. यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले. विदेश मंत्रालय ने यह आग्रह भी किया है कि विषयों पर बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जाए और कूटनीति का इस्तेमाल किया जाए.
दरअसल भारत ने यह बात मंगवार की देर रात इजरायल पर ईरान द्वारा एक साथ 150 मिसाइलों से हमला किया गया। यह हमला इजरायल के लिए एतिहासिक हमला रहा. इसमें इजरायल ने यहुदि राष्ट्र पर आसमान से एक साथ बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इजरायल में अलार्म की आवाजे गूंजने लगी. यरुशलम तथा जॉर्डन नदी घाटी में वलास्ट की तेज आवाजें आने लगीं. इजराइली लोग महफूज ठिकानों पर शरण लेने लगे. सरकारी टेलीविजन पर लाइव प्रसारण के समय रिपोर्टर भी जमीन पर लेटे हुए दिखाई दिए.
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की माने तो इस हमले में पहली बार हाइपरसोनिक फत्ताह मिसाइलों का प्रयोग किया गया. इसमें 90 % मिसाइलों ने इजरायल में अपने लक्ष्यों को भेदा। इजरायली रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि ज्यादातर मिसाइलों को "इजरायल और अमेरिका के नेतृत्व वाले रक्षात्मक गठबंधन ने नष्ट कर दिया था. इसे लेकर उन्होंने एक ट्वीट भी किया.
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इजराइल में फिलहाल किसी के गंभीर रुप से घायल होने की सूचना नहीं है. पश्चिमी तट में एक शख्स की मौत हो गई है. हमास द्वारा इजरायल पर अभूतपूर्व हमला करने के बाद मध्य पूर्व में लगभग 1 साल से उथल-पुथल मची हुई है, और सुरक्षा स्थिति खराब है. 1,200 लोग इस युद्ध में मारे गए और 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया. हमले से गाजा में युद्ध को जन्म दिया, जिसमें 41,000 से अधिक लोग मारे गए।