क्वेटा: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के नोकुंदी इलाके में फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के मुख्यालय के पास फिदायीन हमले हुए हैं. नोकुंदी क्षेत्र में रविवार रात करीब नौ बजे फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के मुख्यालय के निकट एक संवेदनशील आवासीय परिसर पर फिदायीन हमला हुआ, जो रिको डिक और सैंडक खनन परियोजनाओं से जुड़े विदेशी इंजीनियरों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों के लिए बनाया गया था. हमले में तीन की मारे जाने की खबर है.
हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने ली है. संगठन के प्रवक्ता मेजर ग्वाहरम बलूच ने एक बयान जारी कर बताया कि यह कार्रवाई उनकी सादो ऑपरेशनल बटालियन (SOB) इकाई ने अंजाम दी. विद्रोहियों ने पहले परिसर पर पांच शक्तिशाली विस्फोट किए, जिससे इमारतें ध्वस्त हो गईं और उसके बाद सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.
FC के जवान और स्थानीय पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जबकि कई विदेशी विशेषज्ञ घायल बताए जा रहे हैं. परिसर में रहने वाले चीनी, कनाडाई और अन्य देशों के इंजीनियरों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है.
यह हमला इसलिए बेहद गंभीर है क्योंकि रिको डिक प्रोजेक्ट को पाकिस्तान की आर्थिक उम्मीदों का केंद्र माना जाता है. चागई जिले में स्थित यह खदान दुनिया के सबसे बड़े अविभूत सोने और तांबे के भंडारों में शुमार है, जिसकी अनुमानित कीमत अरबों डॉलर बताई जाती है. सैंडक खनन परियोजना भी इसी क्षेत्र में है, जहां चीनी कंपनियों का भारी निवेश लगा हुआ है.
पाकिस्तानी सेना ने हमले के बाद पूरे नोकुंदी और आसपास के इलाकों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. FC के एक अधिकारी ने बताया कि विद्रोहियों ने आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का इस्तेमाल किया था, जो पहले से ही परिसर के आसपास छिपाए गए थे.
यह घटना बलूचिस्तान में 2025 में हुई आठवीं बड़ी साजिश है, जिसमें जून में रिको डिक के लिए सामग्री ले जा रहे वाहनों पर हमला और सितंबर में क्वेटा के पास सुसाइड ब्लास्ट शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि विद्रोही गुट विदेशी हस्तक्षेप को बलूच संस्कृति पर हमला मानते हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और BLF जैसे संगठन दशकों से पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. इनका आरोप है कि इस्लामाबाद प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा है, जबकि स्थानीय लोग गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. हाल ही में अमेरिका ने BLA को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था, लेकिन BLF अभी भी सक्रिय है.