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India Daily

ली जे-म्युंग होंगे दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति, किम मून-सू ने स्वीकारी हार

दक्षिण कोरिया के उदारवादी उम्मीदवार ली जे-म्युंग ने मंगलवार को हुए मध्यावधि राष्ट्रपति चुनाव में 85% से अधिक मतों की गिनती के साथ शानदार जीत हासिल की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Lee Jae-myung is confirmed as the new president of South Korea Kim Moon-soo accepts defeat

दक्षिण कोरिया के उदारवादी उम्मीदवार ली जे-म्युंग ने मंगलवार को हुए मध्यावधि राष्ट्रपति चुनाव में 85% से अधिक मतों की गिनती के साथ शानदार जीत हासिल की. उनके रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वी, पीपल पावर पार्टी (PPP) के किम मून-सू ने हार स्वीकार करते हुए ली को बधाई दी. तीन प्रमुख प्रसारकों KBS, MBC और SBS के संयुक्त एग्जिट पोल ने ली को 51.7% और किम को 39.3% वोटों के साथ जीत की भविष्यवाणी की. JTBC और चैनल A के सर्वेक्षणों ने भी ली की जीत की पुष्टि की. ली ने इसे पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल के मार्शल लॉ के खिलाफ “निर्णय का दिन” करार दिया.

राजनीतिक उथल-पुथल के बाद नई शुरुआत

यून सुक येओल के दिसंबर 2024 में मार्शल लॉ लागू करने और अप्रैल में महाभियोग के बाद हटाए जाने के बाद यह चुनाव हुआ. 44.39 मिलियन मतदाताओं में से 80% ने वोट डाला, जो 1997 के बाद सबसे अधिक मतदान है. ली ने PPP पर मार्शल लॉ को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. सियोल में एक विज्ञान शिक्षक चोई मि-जियोंग (55) ने कहा, “अब ली जे-म्युंग राष्ट्रपति बन रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वह आम लोगों का समर्थन करेंगे, न कि केवल अमीरों का.”

राष्ट्रीय एकता और आर्थिक सुधार का वादा
ली ने अपने समर्थकों से कहा कि वह राष्ट्रीय एकता, आर्थिक पुनरुद्धार और उत्तर कोरिया के साथ शांति के लिए काम करेंगे. डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यवाहक नेता पार्क चान-दे ने KBS से कहा, “लोगों ने विद्रोही शासन के खिलाफ कड़ा फैसला सुनाया.” ली की नीतियां मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लिए समानता और सहायता पर केंद्रित हैं, जबकि किम ने व्यवसायों को नियमों से मुक्ति का वादा किया था.

चुनौतियां और भविष्य
ली को गहरे सामाजिक विभाजन और अमेरिका के संरक्षणवादी कदमों से प्रभावित निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा. उनकी जीत से दक्षिण कोरिया की विदेश नीति और अमेरिका के साथ गठजोड़ में बदलाव की उम्मीद है.