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India Daily

'रूस के साथ आर्म डील, BRICS का हिस्सा बनना...', अमेरिका बोला, भारत के कुछ कदमों में हमें नाराज किया

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे संबंधों से निकट भविष्य में एक व्यापार समझौता संभव है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने कुछ कदमों से अमेरिका को नाराज किया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Some of Indias actions have angered us US Commerce Secretary Howard Lutnick

सोमवार को वाशिंगटन डीसी में आयोजित अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (USISPF) में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे संबंधों से निकट भविष्य में एक व्यापार समझौता संभव है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने कुछ कदमों से अमेरिका को नाराज किया है. लुटनिक ने कहा, "उदाहरण के लिए, आप आमतौर पर रूस से सैन्य उपकरण खरीदते हैं. यह अमेरिका को परेशान करता है." उन्होंने जोड़ा, "भारत अब अमेरिका से सैन्य उपकरण खरीदने की दिशा में बढ़ रहा है, जो एक सकारात्मक कदम है. लेकिन BRICS का हिस्सा बनना, जो डॉलर और उसकी प्रभुता का विरोध करता है, यह दोस्ती और प्रभाव बनाने का तरीका नहीं है."

सकारात्मक दिशा में कदम

लुटनिक ने बताया कि भारत ने इन मुद्दों को खुले तौर पर संबोधित किया और सकारात्मक संबंध बनाने की दिशा में काम किया. उन्होंने कहा, "इसे खुले तौर पर रखें, सीधे हल करें और एक अच्छी स्थिति में पहुंचें. मुझे लगता है कि हम अब यहीं हैं." उन्होंने ट्रम्प की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति को भी स्पष्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ट्रम्प अमेरिका को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन "वह केवल अमेरिका तक सीमित नहीं हैं." लुटनिक ने कहा, "वह अपने सहयोगियों, विशेषकर भारत का ध्यान रखेंगे." उन्होंने ट्रम्प की भारत के प्रति प्रशंसा और सम्मान को भी रेखांकित किया.

व्यापार समझौते की उम्मीद

USISPF के बयान में कहा गया, "सचिव लुटनिक ट्रम्प और मोदी द्वारा निर्धारित 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर विचार साझा करेंगे." लुटनिक ने X पर लिखा, "हमारे देशों के बीच शानदार संबंध हैं. मुझे जल्द ही एक व्यापार समझौते की उम्मीद है जो दोनों देशों को लाभ पहुंचाएगा."