बांग्लादेश में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की सक्रियता ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. हाल ही में आतंकवाद-रोधी इकाइयों द्वारा किए गए अभियानों में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर TTP से संबंध होने और जेहाद की तैयारी करने का आरोप है. यह पहली बार है जब इस संगठन की सक्रिय घुसपैठ का इतना स्पष्ट संकेत बांग्लादेश में मिला है. इससे स्पष्ट होता है कि आतंकी संगठनों ने अब बांग्लादेश को भी अपने नेटवर्क के विस्तार के लिए चुना है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 जुलाई को बांग्लादेश की एंटी टेररिज्म यूनिट ने मोहम्मद फोयसल नामक व्यक्ति को ढाका के सावर इलाके में स्थित उसकी दुकान से गिरफ्तार किया. खुफिया इनपुट में दावा किया गया था कि फोयसल का संबंध TTP से है और वह ऑनलाइन माध्यम से इस विचारधारा का प्रचार कर रहा था. जांच में सामने आया कि अक्टूबर 2024 में फोयसल, जुबैर नामक युवक के साथ अफगानिस्तान गया था, जहां जुबैर बाद में वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना के एक अभियान में मारा गया.
फोयसल ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह TTP की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित था और बांग्लादेशी युवकों को भर्ती करने तथा उन्हें प्रेरित करने का कार्य कर रहा था. उसने यह भी बताया कि इस पूरे नेटवर्क का प्रमुख संचालक इंजीनियर इमरान हैदर था, जो युवाओं की भर्ती और कट्टरपंथी बनाने की प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभा रहा था.
5 जुलाई को फोयसल सहित पांच लोगों के खिलाफ आतंकवाद-रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. अन्य आरोपियों में रेजाउल करीम अबरार, आसिफ अदनान, जकारिया मसूद और सनाफ हसन शामिल हैं. जांच में सामने आया है कि ये सभी आरोपी ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री फैला रहे थे और जेहाद की सक्रिय तैयारी कर रहे थे.
इसके अलावा, 14 जुलाई को रैपिड एक्शन बटालियन यानी RAB ने एक अन्य अभियान में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जेएमबी और जमातुल अंसार फिल हिंदाल शरकिया के पूर्व नेता शमीन महफूज को गिरफ्तार किया. उसकी प्रारंभिक पूछताछ में भी टीटीपी से कथित संबंध सामने आए हैं, हालांकि वह फोयसल के मामले में नामित नहीं था. बाद में उसे ATU को सौंप दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों की बढ़ती मौजूदगी और बाहरी आतंकी संगठनों की घुसपैठ के प्रति गंभीर चेतावनी दी है. सुरक्षा एजेंसियां अब इन मामलों को लेकर सतर्कता बढ़ा रही हैं.