लॉरेंस बिश्नोई गैंग की दहशत अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही. इसकी धमक कनाडा तक पहुंच गई है, जहां अब एक के बाद एक बड़े नेता इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग कर रहे हैं. ताजा मामला कनाडा के अल्बर्टा प्रांत का है, जहां की मुख्यमंत्री डेनिएल स्मिथ ने खुलकर कहा है कि यह गैंग 'सीमा नहीं जानता, न ही कानून का सम्मान करता है.'
डेनिएल स्मिथ ने अपने बयान में साफ कहा कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क है जो जबरन वसूली, ड्रग्स तस्करी, हिंसा और हत्याओं में लिप्त है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि इस गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए, ताकि उस पर कठोर कार्रवाई की जा सके.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग को भारत में अपराध की दुनिया का बड़ा नाम माना जाता है, लेकिन अब इसके लिंक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजर आने लगे हैं. कनाडा में गोल्डी बरार जैसे नाम इस गैंग के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे हैं. सिद्धू मूसे वाला की हत्या हो या जबरन वसूली के मामले – बिश्नोई गैंग का नाम लगातार सामने आया है.
डेनिएल स्मिथ का बयान ये दिखाता है कि अब यह नेटवर्क न सिर्फ कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है, बल्कि विदेशी धरती पर भी डर का माहौल बना रहा है. इसलिए इसकी गतिविधियों को सिर्फ गैंगस्टर तक सीमित मानना अब खतरनाक साबित हो सकता है.
डेनिएल स्मिथ ने साफ किया है कि अगर इस गैंग को आतंकी संगठन घोषित कर दिया जाता है तो स्थानीय पुलिस और एजेंसियों को इसके खिलाफ ज्यादा कड़े कदम उठाने की ताकत मिल जाएगी. इससे इसकी फंडिंग रोकने, गतिविधियों पर नजर रखने और नेटवर्क को तोड़ने में आसानी होगी.
कई देशों में आतंकवादी घोषित संगठनों के खिलाफ अलग क़ानूनी प्रावधान होते हैं, जिनके जरिए सरकारें बिना किसी अतिरिक्त अनुमति के सीधे कार्रवाई कर सकती हैं.
भारत पहले भी कनाडा से मांग कर चुका है कि वो बिश्नोई और गोल्डी बरार जैसे गैंगस्टरों पर कार्रवाई करे. सिद्धू मूसे वाला मर्डर केस के बाद ये मांग और तेज़ हो गई थी. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
अब जब कनाडा के नेता खुद इस खतरे को पहचान रहे हैं, तो ये उम्मीद जगी है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन गैंग्स की कमर तोड़ने की दिशा में गंभीर कदम उठाए जाएंगे.