ईरान और इजरायल के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है और अब यह युद्ध साइबर क्षेत्र में भी फैल गया है. बुधवार देर रात इजरायली हैकर्स ने ईरान की सरकारी टेलीविजन IRIB समेत कई न्यूज चैनलों को हैक कर लिया. इस साइबर हमले के दौरान हैकर्स ने ईरानी जनता से विद्रोह की अपील की और 2022 के विरोध प्रदर्शन से जुड़े वीडियो प्रसारित किए, जिनमें महिलाएं अपने बाल काटती और हिजाब जलाती नजर आ रही थीं. ये वीडियो उस आंदोलन से संबंधित थे, जो 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद भड़क उठा था.
इजरायली हैकर्स का यह हमला न केवल तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन था, बल्कि ईरान की जनता को सरकार के खिलाफ उकसाने की कोशिश भी थी. 2022 में महसा अमीनी की मौत ने ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे. महसा को कथित तौर पर गलत तरीके से हिजाब पहनने के लिए गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में उनकी मौत ने देश में हिजाब कानून और सरकारी नीतियों के खिलाफ गुस्से को हवा दी थी. हैकर्स ने इन संवेदनशील वीडियो को दोबारा प्रसारित कर उस आंदोलन को फिर से जागृत करने की कोशिश की, जिसने कभी ईरानी शासन को चुनौती दी थी.
महसा अमीनी और 2022 का आंदोलन
महसा अमीनी, एक कुर्द मूल की युवती, सितंबर 2022 में तेहरान में मोरल पुलिस द्वारा हिरासत में ली गई थीं. उन पर हिजाब नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था. हिरासत में उनकी रहस्यमयी मौत ने पूरे ईरान में आक्रोश फैला दिया. पुलिस ने दावा किया कि उनकी मृत्यु हृदयाघात से हुई, लेकिन परिवार और प्रदर्शनकारियों ने इसे सरकारी दमन और क्रूरता का परिणाम बताया. इसके बाद महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर हिजाब जलाए, अपने बाल काटे और "जिन, जियान, आजादी" (महिला, जीवन, आजादी) का नारा बुलंद किया. यह आंदोलन जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और कई शहरों में हिंसक झड़पें हुईं.
युद्ध का सातवां दिन
ईरान और इजरायल के बीच यह युद्ध 13 जून 2025 को शुरू हुआ, जब इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने तेल अवीव पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले और हवाई बमबारी का सिलसिला जारी है. इजराइल ने ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB पर पहले भी हमले किए हैं, जिसमें स्टूडियो तबाह हो गए थे.