menu-icon
India Daily

मानवीय सहायता लेकर गाजा जा रहे 19 जहाजों पर इजरायल ने बरसाए वॉटर बम, ग्रेटा थुनबर्ग को किया कैद, वीडियो में दिखीं भयानक तस्वीरें

मानवीय सहायता लेकर गाजा जा रहे जहाजों को रोके जाने की तुर्की ने कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया और बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का वादा किया.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Israel intercepted 19 ships carrying aid to Gaza
Courtesy: x

Israel-Gaza War: एक समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पुष्टि की है कि इजरायली सेना ने बुधवार को गाजा की ओर मदद लेकर बढ़ रहे 19 जहाजों को रोक दिया. इन जहाज पर सवार लोगों में स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल थीं. इजरायल के अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटा थुनबर्ग हैं और उन्हें सुरक्षित इजरायली बंदरगाह पर पहुंचाया जा रहा है. 50 नावों और लगभग 500 कार्यकर्ताओं को लेकर जा रहा ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला जहाज गाजाके लिए मानवीय सहायता लेकर गाजा की ओर बढ़ रहा था.

आयोजकों ने बताया कि सीरियस, अलमा और अदारा नामक नौकाओं को गाजा तट से लगभग 70 समुद्री मील  (80 मील) दूर रोक दिया गया. इस बेड़े में नेल्सन मंडेला के पोते मंडला मंडेला, बार्सिलोना की पूर्व मेयर अदा कोलाऊ और कई यूरोपीय सांसद जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हैं. उन्होंने बताया कि तमाम रुकावटों के बावजूद शेष नौकाएं अपना मिशन जारी रखे हुए हैं.

पिछले 18 साल से चली आ रही नाकेबंदी को चुनौती

इजरायल ने पिछले 18 सालों से गाजा जाने वाले समुद्री मार्ग में नाकेबंदी कर रखी है, पिछले महीने  बार्सिलोना से रवाना हुआ यह बेड़ा इस समुद्री नाकेबंदी को चुनौती देने का अब तक का सबसे बड़ा प्रयास है.

नाव पर सवार लोगों पर इजरायली सेना द्वारा लगातार पानी की बौछारें की जा रही थीं लेकिन बावजूद इसके कार्यकर्ता अपनी यात्रा की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कर रहे थे और फिलिस्तीनीयों के साथ एकजुटता और आजाद फिलिस्तीन के नारे लगाए. हालांकि इजरायल द्वारा लगातार रुकावटों के बावजूद इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है.

इसी बीच इजरायल के विदेश मंत्रालय ने जहाज के डेक पर बैठे हुए ग्रेटा थुनबर्ग को पानी की बोतल और रेनकोट देते हुए फुटेज शेयर किया था, जिसमें कहा गया कि ग्रेटा और उनके दोस्त सुरक्षित और स्वस्थ हैं.

 वहीं इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने पुष्टि की कि इस ऑपरेशन में 2-3 घंटों का समय लगेगा और फिर हिरासत में लिए गए सभी कार्यकर्ताओं को उनके जहाजों पर लादकर अशदोद बंदरगाह तक ले जाने के बाद निर्वासित कर दिया जाएगा.

तुर्की ने की निंदा

मानवीय सहायता लेकर गाजा जा रहे जहाजों को रोके जाने की तुर्की ने कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया और बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का वादा किया.

यही नहीं कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इस मुद्दे पर इजरायल के राजनयिक प्रतिनिधिमंडल को निष्कासित करने और इजरायल के साथ मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त करने की धमकी भी दी और इस नाकेबंदी को नरसंहार बताया.

वहीं स्पेन और इटली समेत यूरोपीय सरकारों ने पहले ही टकराव की स्थिति से बचने के लिए फ्लोटिला को वापस लौटाने की सलाह दी थी. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने चेतावनी दी थी यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा में शांति की योजना को खतरे में डाल सकती है.

इजरायल ने किया नाकेबंदी का बचाव

तमाम अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद इजरायल ने इस नाकेबंदी का समर्थन किया है. इजरायल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन के तहत राज्य आमतौर पर अपने तटों से केवल 12 समुद्री मील तक ही अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हैं. हालांकि अंतरराष्ट्रीय कानून सशस्त्र संघर्ष में या नाकेबंदी लागू करने के लिए अवरोधन की अनुमति देता है लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे मानवीय सहायता लेकर जा रहे निहत्थे नागरिक हैं.

क्या है ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला 

ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला (GSF) गाजा पर इजरायल की नाकाबंदी को तोड़ने के लिए आयोजित सबसे बड़ा नागरिक समुद्री मिशन है. 40 से ज्यादा देशों के जमीनी कार्यकर्ताओं, नाविकों, डॉक्टरों और कलाकारों द्वारा बने इस मिशन का उद्देश्य समुद्र के रास्ते मानवीय सहायता कॉरिडोर को खोलना है.