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India Daily

Balochistan Conflict Pakistan: 'बलूचिस्तान का बड़ा हिस्सा हमारे हाथ से निकला', पाक सांसद का संसद में चौंकाने वाला कबूलनामा, सेना भी असहाय

Balochistan Conflict Pakistan: सड़क मार्गों पर विद्रोहियों का कब्जा स्थानीय प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए चुनौती बन गया है. कई सरकारी अधिकारी और सांसद सड़क मार्ग से सुरक्षित यात्रा नहीं कर पा रहे हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Balochistan Conflict Pakistan
Courtesy: Pinterest

Balochistan Conflict Pakistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं. देश की संसद में पाक सीनेटर कामरान मुर्तजा ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि इन सूबों के कई हिस्सों में अब पाकिस्तानी सेना और सरकार का नियंत्रण बेहद सीमित हो गया है. उनका बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि क्षेत्र में विद्रोही गुट और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) अब स्वतंत्र रूप से संचालन कर रहे हैं और कई इलाकों में अपनी 'सरकार' चला रहे हैं. संसद में उनका यह कबूलनामा पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और केंद्र सरकार की कमजोरी को उजागर करता है.

इस स्थिति का सबसे बड़ा असर स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा ढांचे पर पड़ा है. बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में सेना का नियंत्रण अब केवल पांच किलोमीटर के दायरे तक सीमित है. कामरान ने संसद में सवाल उठाया कि अगर मंत्री, सांसद और सरकारी अधिकारी सड़क मार्ग से सुरक्षित यात्रा नहीं कर सकते तो क्या वाकई पाकिस्तान का शासन वहां मौजूद है. इस बयान ने न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा छेड़ दी है. विद्रोहियों ने इसे अपनी जीत के रूप में पेश किया है और स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ा है.

 पाक सांसद का चौंकाने वाला कबूलनामा

सीनेटर कामरान मुर्तजा ने संसद में खुलासा किया कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के अधिकांश इलाके विद्रोहियों के नियंत्रण में हैं. उनका कहना था कि सेना इन इलाकों में केवल सीमित अधिकारों के साथ मौजूद है, जो सरकार की गंभीर कमजोरी को दर्शाता है.

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की बढ़ती ताकत

BLA और अन्य विद्रोही गुट स्थानीय लोगों के अधिकार और स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान सेना के 15 सैनिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली और कई इलाकों में अपनी “सरकार” स्थापित कर ली है.

स्थानीय प्रशासन और जनता पर असर

सड़क मार्गों पर विद्रोहियों का कब्जा स्थानीय प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए चुनौती बन गया है. कई सरकारी अधिकारी और सांसद सड़क मार्ग से सुरक्षित यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है.

पाक सेना की चुनौती और असफलताएं

पाकिस्तानी सेना इन विद्रोहियों को दबाने के प्रयास में लगी है, लेकिन सफलता सीमित रही है. बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में विद्रोहियों का बढ़ता प्रभाव पाक सेना और केंद्र सरकार के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौती बना हुआ है.