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Israel Hamas War: घोड़ा, घास और पत्तियां खाकर जी रहे हैं फिलिस्तीनी, गाजा में रूह कंपा देने वाले हालात

Israel Hamas War: गाजा पट्टी में रह रहे लोग भूख से तड़प रहे हैं. उन तक मानवीय मदद नहीं पहुंच पा रही है. नौबत ये आ गई है कि जिसके पास जो पालतू जानवर है वह उसे ही मारकर खा जा रहा है. 

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Palestinians in Gaza

Israel Hamas War: इजरायल और हमास के तनातनी के बीच गाजा में शरणार्थी कैंप में रह रहे फिलिस्तीनी भूख से तड़प रहे हैं. उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी कैंप में रहने वाले गिरबिल का परिवार भूख से इतना तड़ब रहा था कि उन्होंने भूख मिटाने के लिए अपने दो घोड़ों की बली चढ़ा दी. एक और जहां दुनिया हर दि गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक दुनिया में हर सेकेंड 66 टन खाना फेंका जाता है. तो दूसरी ओर से हर दिन भूर से 19,700 लोगों की मौत हो रही है. ये खबर सिर्फ एक लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता को शर्मसार कर देने वाली है.

उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी कैंप में रहने वाले अबु गिरबिल ने AFP को बताया कि उनके पास बच्चों की भूख मिटाने के लिए घोड़े को काटकर उसे खाने के अलावा और भी कोई रास्ता नहीं था.

सबसे बड़ा शिविर

जबालिया, गाजा का सबसे बड़ा फिलिस्तीनी शरणार्थी कैंप था. जो बीते साल 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद चालू हुआ था. इजरायली आंकड़ो के मुताबिक इस कैंप में रहने वाले 1160 लोगों की मौत हो चुकी है.

युद्ध शुरू होने के बाद 60 वर्षीय अबू गिरबिल बेत हनून से भागकर शरणार्थी कैंप में शिफ्ट हुए थे. अब वो टेंट में उस जगह रहते हैं जहां यूएन (United Nation) अपना स्कूल चलाता है.

1.4 स्क्वायर फीट में 1 लाख लोग

यह शरणार्थी शिविर मात्र 1.4 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है. यहां आबादी बहुत ही घनी है. पानी भी दूषिट है. बिजली की समस्या भी बनी रहती है. न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार इस शिविर को 1948 में शुरू किया गया था.

लगभग 1 लाख की घनत्व वाले क्षेत्रफल में बहुत ही गरीबी और बेरोजगारी है. अब यह शिविर भुखमरी का भी शिकार हो रहा है. बमबारी के चलते मानवता के लिए काम करने वाली इंटरनेशनल एजेंसियां भी इस क्षेत्र में बमबारी के चलते मदद करने नहीं पहुंच पा रही हैं.

पिछले सप्ताह वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने बताया कि उसकी टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि गाजा में भूख से लोग गंदी से गंदी स्थिती में हैं. वहीं यूएन ने एक रिपोर्ट में दुनिया को चेताते हुए बताया कि लगभग 2.2 मिलयन (22 लाख) लोग भूखमरी से जूझ रहे हैं.

कुपोषण के चलते 1 महीने की नवजात की मौत

बीते शुक्रवार को गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि जबालिया शिविर कैंप से 7 किलोमीटर दूर गाजा सिटी हॉस्पिटल में 2 महीने के नवजात की कुपोषण के चलते मौत हो गई. मिनिस्ट्री के मुताबिक इस युद्ध में अब तक करीब 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.

कैंप में रह रहे बच्चे प्लास्टिक के टूटे-फूटे बर्तन के साथ खाने का इंतजार करते रहते हैं.

यूएन की चिल्ड्रन एजेंसी UNICEF ने चेतावनी देते हुए बताया की गाजा में हो रही खाने की कमी के चलते कुपोषण का विस्फोट हो सकता है.