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India Daily

Israel Gaza War: गाजा पट्टी पर दो साल से कब्जा नहीं कर पा रही IDF! हमास ने शुरू किया गुरिल्ला वार, अब जीत और मुश्किल

इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध को अब दो साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है. दोनों ओर से अब हवाई हमले के साथ-साथ जमीनी हमले भी शुरू कर दिए गए हैं. हालांकि हमास की ओर से किए जा रहे गुरिल्ला वार की वजह से इजरायल की सेना को इस जंग में काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.

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Edited By: Shanu Sharma
Israel Gaza War
Courtesy: X (@VividProwess, @Louis_De_Buade)

Israel Gaza War: इजरायल और गाजा के बीच पिछले दो सालो से भी ज्यादा समय से युद्ध जारी है. इस दौरान 65 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हालांकि इसके बाद भी इजरायल की बड़ी सेना इस मुकाबले में जीत हासिल नहीं कर पाई है. गाजा पट्टी के लगभग 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर इजरायली सेना और वायुसेना अपना कब्जा नहीं कर पा रही है. 

गाजा पर कब्जा करने के लिए पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से IDF लड़ाई लड़ रही है. हालांकि दूसरी ओर हमास भी इस विशाल सेना को टक्कड़ का मुकाबला दे रही है. इसके लिए हमास अब अपने रणनीति में भी बदलाव करते दिख रही है. इजरायली सेना को टक्कड़ देने के लिए हमास ने गुरिल्ला वार शुरू कर दिया है. 

गाजा सिटी पर कब्जा आसान नहीं

इजरायल और गाजा में जंग के बीच लगभग दस हजार हमास और सशस्त्र संगठनों के लड़ाकों की जान जाने की खबर है. हालांकि इसके बाद भी इजरायल अपनी जीत को सुनिश्चित नहीं कर पाया है. इजरायली सेना द्वारा पिछले सप्ताह से जमीनी हमले शुरू कर दिए गए हैं. हालांकि इससे पहले तक हवाई हमले पर ज्यादा जोर था. जिसकी वजह से हजारों लोगों की मौत हुई. गाजा सिटी पर कब्जा के लिए इजरायली सेना अपनी पूरी ताकत लगा रही है. माना जा रहा है अभी भी 6 लाख से ज्यादा लोग मौजूद हैं, जिसमें से कम से 50 हजार हमास के लड़ाकों के होने का अनुमान है. जो की इजरायल के खिलाफ गुरिल्ला वॉर लड़ रहे हैं. गाजा में कई सुरंगे हैं ऐसे में आईडीएफ के लिए लड़ाई लड़ना मुश्किल हो सकता है. 

हमास ने बदली ली अपनी रणनीति 

हमास के बड़े पद पर रह चुके एक अधिकारी का कहना है कि संगठन द्वारा समय और जरूरत के मुताबिक रणनीति बदल दी जाती है. लगभग दो सालों तक आमने-सामने लड़ने के बाद अब हमास गुरिल्ला वार की नीति पर चल रहा है. संगठन के लड़ाके खुद को बचाते हुए अचानक इजरायली सैनिकों पर हमला कर रहे हैं. पूरा संगठन अब एक साथ हमले के बजाए छोटे-छोटे समूहों में बंट चुका है और अचानक सैनिकों पर हमला कर रहा है. कुछ विशेषज्ञों की मानें तो अब ये लड़ाई और भी ज्यादा लंबी खिंच सकती है. हालांकि अमेरिकी एजेंसियों की मानें तो हमास अब बहुत कमजोर हो चुका है. पहले के मुकाबले उनकी स्थिति काफी कमजोर हो चुकी है. इस जंग के दौरान कई लड़ाके और कमांडर की जान जा चुकी है. गुरिल्ला वटर इजरायल की सेना के लिए मुसीबत बन सकता है.