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India Daily

Gaza Crisis: तलाश थी भोजन की...मगर मिली मौत, गाजा के राहत केंद्र पर हुई भगदड़ में 22 फिलीस्तीनियों ने गंवाई जान

ख़ान यूनुस की यह त्रासदी ग़ज़ा में सहायता वितरण की जटिलताओं और क्षेत्रीय अस्थिरता को रेखांकित करती है. यह घटना नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है.

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Edited By: Mayank Tiwari
गाजा में सहायता वितरण केंद्र पर 20 लोगों की मौत
Courtesy: Social Media

अमेरिका और इजरायल समर्थित ग़ज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ़) ने दक्षिण ग़ज़ा के ख़ान यूनुस में अपने सहायता वितरण केंद्र पर हुई एक दुखद घटना की सूचना दी. जीएचएफ़ के अनुसार, भोजन प्राप्त करने की कोशिश कर रही भीड़ में "भारी भीड़ और अराजक माहौल" के कारण 20 लोगों की जान चली गई. फाउंडेशन ने अपने बयान में कहा, "यह भगदड़ 'भीड़ में मौजूद हमास से जुड़े भड़काऊ तत्वों' के कारण हुई." हालांकि, इस दावे की तत्काल स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जीएचएफ़ ने बताया कि मरने वाले 20 लोगों में से 19 की मौत भीड़ में कुचले जाने से हुई, जबकि एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या की गई. यह "दुखद घटना" ख़ान यूनुस में जीएचएफ़ की सहायता साइट पर हुई. इससे पहले, ख़ान यूनुस के नासेर अस्पताल ने सूचित किया था कि उसे 10 शव प्राप्त हुए, जिनकी मृत्यु "दम घुटने" के कारण हुई. घटना के बाद अमेरिकी निजी सुरक्षा गार्ड्स ने सहायता केंद्र को बंद कर दिया, जिससे वहाँ अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

सहायता वितरण में सामने आ रही कई चुनौतियाँ!

जीएचएफ़ ने मई के अंत से ग़ज़ा में सहायता सामग्री वितरण का कार्य शुरू किया था. तब से, सहायता प्राप्त करने की कोशिश में फलस्तीनी नागरिकों की मौत की ख़बरें लगातार सामने आ रही हैं. चश्मदीदों का दावा है कि कई मौतें इसराइली सुरक्षा बलों की गोलीबारी के कारण हुई हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले छह हफ्तों में जीएचएफ़ के दक्षिण और मध्य ग़ज़ा में चार सहायता केंद्रों के आसपास 674 लोगों की मौत दर्ज की गई है.

क्षेत्रीय संकट और मानवीय स्थिति

ग़ज़ा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है, और सहायता वितरण के दौरान इस तरह की त्रासदियाँ स्थिति की गंभीरता को उजागर करती हैं. यह घटना क्षेत्र में बढ़ते तनाव और नागरिकों की सुरक्षा के लिए चुनौतियों को दर्शाती है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर नज़र रखे हुए है, और संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले में तत्काल जाँच की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है.