ईरान में शनिवार (12 जुलाई) को एक व्यक्ति को एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के अपराध में सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई. यह घटना उत्तर-पश्चिमी शहर बुकान में हुई, जहां पीड़ित परिवार ने कानूनी प्रक्रिया में हिस्सा लिया और सार्वजनिक फांसी की मांग की थी. ईरान के न्यायपालिका के समाचार आउटलेट मिज़ान ऑनलाइन के अनुसार, इस मामले ने समाज पर गहरा भावनात्मक प्रभाव डाला.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में प्रांतीय मुख्य न्यायाधीश नासेर अताबाती ने कहा, “इस मामले को जनता की भावनाओं पर इसके प्रभाव के कारण विशेष ध्यान दिया गया.”कानूनी प्रक्रिया और सजामार्च में इस व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में ईरान की सर्वोच्च अदालत ने बरकरार रखा.
जानिए क्या है पूरा मामला?
अताबाती ने आगे कहा, “पीड़ित परिवार और नागरिकों के अनुरोध पर, समाज पर इस मामले के भावनात्मक प्रभाव के कारण, फांसी को सार्वजनिक रूप से अंजाम दिया गया.” ईरान में हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है, और इस तरह की सजा को अक्सर शरिया-आधारित कानूनी व्यवस्था के तहत लागू किया जाता है.
ईरान में सार्वजनिक फांसी का रुझान
ईरान में सार्वजनिक फांसी, आमतौर पर फांसी के फंदे के माध्यम से, असामान्य नहीं है, खासकर उन मामलों में जो विशेष रूप से गंभीर माने जाते हैं. मानवाधिकार संगठनों, जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल, के अनुसार, ईरान दुनिया में दूसरा सबसे अधिक फांसी देने वाला देश है. नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) और फ्रांसीसी संगठन टुगेदर अगेंस्ट द डेथ पेनल्टी (ECPM) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में ईरान में कम से कम 975 लोगों को फांसी दी गई, जिसमें चार सार्वजनिक फांसी शामिल थीं. इस दौरान 31 महिलाओं को भी फांसी दी गई, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे अधिक है.
शरिया कानून और मृत्युदंड
ईरान में साल 1979 की क्रांति के बाद स्थापित शरिया-आधारित कानूनी व्यवस्था में मृत्युदंड केंद्रीय भूमिका निभाता है. बलात्कार, हत्या, मादक पदार्थों से संबंधित अपराध, और “पृथ्वी पर भ्रष्टाचार” या “विद्रोह” जैसे अस्पष्ट आरोपों के लिए मृत्युदंड दिया जाता है. जून में, तस्नीम न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने के दोषी एक व्यक्ति को फांसी दी गई.