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Jaishankar Russia Visit: क्या रूस-भारत रिश्तों में आएगा नया मोड़? पुतिन- मोदी की फोन पर बातचीत के बाद बढ़ी हलचल, मॉस्को पहुंचे जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय रूस दौरे पर मॉस्को पहुंचे हैं. वे रूस के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे तथा भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक और बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत को टैरिफ के जरिए दबाव में लिया है, जबकि भारत रूस को अपना भरोसेमंद साझेदार मानता है.

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Edited By: Km Jaya
PM Modi Putin phone call
Courtesy: Social Media

Jaishankar Russia Visit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय रूस दौरे पर मॉस्को पहुंचे हैं. उनका यह दौरा 19 अगस्त से लेकर 21 अगस्त तक चलेगा और इसे भारत-रूस संबंधों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा वे 20 अगस्त को होने वाली भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे और इंडिया-रूस बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलास्का में हुई बातचीत और रूस-यूक्रेन युद्ध की जानकारी दी थी. पीएम मोदी और पुतिन की यह दस दिनों में दूसरी बातचीत थी. इससे साफ है कि मौजूदा दौर में भारत-रूस संबंधों को नई मजबूती देने की कोशिशें तेज हो गई हैं.

रूस भारत का सबसे बड़ा सहयोगी

जयशंकर का यह दौरा भारत की रणनीतिक संतुलन नीति को भी दर्शाता है. अमेरिका ने हाल ही में रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था. अमेरिकी ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी रूस से भारत के ऊर्जा आयात पर कड़ी आपत्ति जताई है. इसके बावजूद भारत रूस को लंबे समय से एक भरोसेमंद साझेदार मानता है. दशकों से रक्षा और रणनीतिक मामलों में रूस भारत का सबसे बड़ा सहयोगी रहा है.

इस महीने मोदी और पुतिन की मुलाकात संभव

विदेश मंत्रालय का कहना है कि जयशंकर का यह दौरा भारत-रूस की विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का प्रयास है. अपने इस दौरे में द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण को भी साझा करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात इस महीने के अंत में चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में संभव है. इसके साथ ही, इस साल के अंत तक पुतिन के भारत दौरे की संभावना पर भी बातचीत चल रही है.

सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी

हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मॉस्को गए थे और उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी. लगातार हो रही उच्च-स्तरीय बातचीत से यह संकेत मिल रहा है कि भारत और रूस आने वाले समय में ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं.