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India Daily

‘चीन की तरह भारत ने भी रूस से तेल खरीदना किया बंद…’ व्हाइट हाउस में लीविट ने किया दावा

Russian Oil Imports: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है, जबकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है. अब कैरोलिन लीविट ने कहा कि चीन पहले ही रूस से तेल का इंपोर्ट कम कर चुका है. ट्रंप के कहने पर भारत ने भी ऐसा ही किया है.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Russian Oil Imports
Courtesy: X (Twitter)

Russian Oil Imports: व्हाइट हाउस ने एक बार फिर से कह दिया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना कम कर दिया है. इसका कारण बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा करने के लिए कहा था. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि उसके एनर्जी से जुड़े फैसले सिर्फ देश और उसके लोगों के लिए जो सबसे अच्छा है, उसी के आधार पर होते हैं, न कि किसी और के कहने पर.

एक प्रेस मीटिंग में, व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लीविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बात से ज्यादा नाराज हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध शांति की तरफ काफी स्लो स्पीड से बढ़ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी सरकार का मानना ​​है कि रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएंगे.

रूस को पैसे कमाने से रोकना है मकसद: लीविट 

लीविट ने बताया कि नए प्रतिबंध काफी सख्त हैं और इनका मकसद रूस को पैसे कमाने से रोकना है जो तेल बिक्री से आता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चीन पहले ही रूस से तेल का इंपोर्ट कम कर चुका है. ट्रंप के कहने पर भारत ने भी ऐसा ही किया है. ट्रंप ने यूरोप में अमेरिकी सहयोगियों से भी रूसी तेल खरीदना बंद करने के लिए कहा है.

ये बयान तब आया जब अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की. इस प्रतिबंध का मकसद एनर्जी एक्सपोर्ट से क्रेमलिन की कमाई को और कमजोर करना है. लीविट ने कहा, "यह पूरी ताकत से किया गया प्रयास है और हमारा मानना ​​है कि इन प्रतिबंधों का गंभीर असर होगा."

हालांकि, भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर काम करने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि उसके तेल खरीदने का फैसला सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि कीमतें स्टेबल रहें और उसके नागरिकों को एनर्जी की लगातार सप्लाई मिलती रहे. ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में अमेरिका में आने वाले भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिससे पहले से ही तनाव ज्यादा है.