menu-icon
India Daily

कौन है रूस की सबसे ग्‍लैमरस जासूस अन्ना चैपमैन, पुतिन के खास मिशन की मिली जिम्मेदारी? जानें क्यों खौफ खाते हैं पश्चिमी देश

Anna Chapman: कभी दुनिया की सबसे ग्लैमरस जासूस कही जाने वाली अन्ना चैपमैन एक बार फिर सुर्खियों में हैं. न्यूयॉर्क में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने के पंद्रह साल बाद अब उन्हें रूस की खुफिया एजेंसी एसवीआर से जुड़े नए 'रूसी खुफिया संग्रहालय' की प्रमुख नियुक्त किया गया है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
Anna Chapman
Courtesy: social media

Anna Chapman: रूस की जानी-मानी 'ग्लैमरस स्पाई' अन्ना चैपमैन (Anna Chapman) फिर चर्चा में हैं. एक समय था जब न्यूयॉर्क में उनकी गिरफ्तारी ने अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक हलचल मचा दी थी. अब, पंद्रह साल बाद, वही अन्ना चैपमैन रूस की नई खुफिया पहचान बन चुकी हैं.

उन्हें हाल ही में 'म्यूजियम ऑफ रशियन इंटेलिजेंस' (Museum of Russian Intelligence) का प्रमुख नियुक्त किया गया है-एक ऐसा प्रोजेक्ट जो सीधे व्लादिमीर पुतिन की विदेशी खुफिया एजेंसी एसवीआर (SVR) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.

कूटनीति से जासूसी तक

अन्ना चैपमैन का जन्म रूस के वोल्गोग्राद (पूर्व में स्टालिनग्राद) में अन्ना कुशचेंको के रूप में हुआ था. उनके पिता सोवियत यूनियन की राजनयिक सेवा में थे और केन्या में तैनात रहे. अन्ना ने मॉस्को के पीपल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और 2001 में एक ब्रिटिश छात्र एलेक्स चैपमैन से शादी कर लंदन चली गईं. चार साल बाद दोनों का तलाक हो गया.

उनके पूर्व पति ने बाद में कहा कि अन्ना के 'रूसी संपर्क' गहरे थे और वह हमेशा कुछ न कुछ छिपा रही थीं. वहीं, अपनी 2024 की किताब ‘Bondianna’ में अन्ना ने खुद को 'देशभक्त महिला' बताया, जिसे परिस्थितियों ने जासूसी की दुनिया में धकेल दिया.

जब न्यूयॉर्क में खुला 'रहस्यों का पिटारा'

2009 में अन्ना न्यूयॉर्क चली गईं और खुद को रियल एस्टेट उद्यमी बताने लगीं. लेकिन एफबीआई की जांच में पता चला कि वह 'ऑपरेशन घोस्ट स्टोरीज' (Operation Ghost Stories) नामक जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थीं. यह रूस के 'स्लीपर एजेंट्स' का एक गुप्त गिरोह था, जो अमेरिका में नीति-निर्माताओं और व्यवसायिक वर्ग से जानकारियां जुटाने में लगा था.

2010 में एक एफबीआई स्टिंग ऑपरेशन के दौरान अन्ना को एक फर्जी पासपोर्ट दिया गया. जब उन्होंने यह बात पुलिस को बताई, तो एफबीआई ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोप था कि वह एन्क्रिप्टेड डेटा रूस भेज रही थीं. एफबीआई ने उनके वाई-फाई के जरिए गुप्त संदेश भेजने के सबूत भी जारी किए.

गिरफ्तारी से ग्लैमर की दुनिया तक

अन्ना चैपमैन की गिरफ्तारी के दो हफ्तों के भीतर ही अमेरिका और रूस के बीच शीत युद्ध के बाद का सबसे बड़ा जासूसों का आदान-प्रदान हुआ. 8 जुलाई 2010 को अमेरिका ने अन्ना और नौ अन्य रूसी एजेंट्स को चार पश्चिमी एजेंटों के बदले रूस को सौंप दिया.

रूस पहुंचने पर अन्ना को 'राष्ट्र की बेटी' के रूप में सम्मानित किया गया. वह टीवी शो की होस्ट बनीं, मॉडलिंग की और बाद में व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी के यूथ विंग में शामिल हो गईं.

अब रूसी जासूसी इतिहास की रखवाली करेंगी अन्ना

आज अन्ना चैपमैन, जो अब अन्ना रोमानोवा (Anna Romanova) नाम से जानी जाती हैं, को मॉस्को के गोर्की पार्क के पास बने रूसी खुफिया संग्रहालय की प्रमुख नियुक्त किया गया है. यह संग्रहालय रूस की खुफिया दुनिया के इतिहास सोवियत केजीबी (KGB) से लेकर आधुनिक एसवीआर (SVR) तक को प्रदर्शित करेगा. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट खुद राष्ट्रपति पुतिन के निर्देशन में चलाया जा रहा है, जो खुद भी केजीबी अधिकारी रह चुके हैं. एक समय की गुप्त एजेंट अन्ना अब रूस की जासूसी विरासत की प्रतीक बन गई हैं- जहां उनके जीवन की कहानी एक रहस्य, ग्लैमर और देशभक्ति के मिश्रण की तरह सामने आती है.