menu-icon
India Daily

'रूस पर हमला हुआ तो जवाब बेहद विनाशकारी होगा', अमेरिका के यूक्रेन को 'टोमहॉक' मिसाइल देने पर पुतिन की दो टूक

Putin Warns US: अमेरिका द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि रूस किसी भी दबाव के आगे झुकेगा नहीं.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
putin
Courtesy: social media

Putin Warns US: अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध को रोकने के प्रयास में रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. 

इसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रूस किसी भी दबाव में आने वाला नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस की सीमा में किसी भी तरह का हमला हुआ, तो उसका जवाब बेहद 'गंभीर और भारी' होगा.

अमेरिकी प्रतिबंधों पर पुतिन की कड़ी चेतावनी

पुतिन ने अमेरिकी कदम को 'अमित्रतापूर्ण और शत्रुतापूर्ण' करार देते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां न तो रूस को रोक पाएंगी, न ही अमेरिका-रूस संबंधों को मजबूत करेंगी. उन्होंने कहा, 'यह रूस पर दबाव डालने की कोशिश है, लेकिन कोई भी स्वाभिमानी देश दबाव में फैसले नहीं करता.' पुतिन का कहना था कि रूस का ऊर्जा क्षेत्र मजबूत है और इन प्रतिबंधों से उसकी आर्थिक स्थिति पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ेगा.

ऊर्जा बाजार पर असर की चेतावनी

पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका की इस कार्रवाई से वैश्विक ऊर्जा संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे अमेरिका सहित कई देशों को परेशानी होगी, खासकर ऐसे समय में जब वहां चुनावी माहौल गर्म है. पुतिन ने कहा कि ऊर्जा पर इस तरह के हस्तक्षेप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और बढ़ेगी.

यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें मिलने पर प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली लंबी दूरी की 'टोमहॉक' मिसाइलों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'अगर इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूस की जमीन पर हमले के लिए किया गया, तो जवाब बेहद गंभीर होगा- शायद विनाशकारी.' पुतिन ने इसे स्थिति को भड़काने की कोशिश बताया और कहा कि वॉशिंगटन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

ट्रंप प्रशासन की रणनीति और असर

यह कदम अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाया गया है, जिसने रूस के युद्ध वित्त पोषण को रोकने के लिए कठोर आर्थिक दबाव डालने की रणनीति अपनाई है. अमेरिका ने चीन और भारत जैसे देशों पर भी दबाव बढ़ाया है कि वे रूस से तेल खरीदना बंद करें. 

चीन ने चेतावनी दी है कि वह पलटवार करेगा, जबकि भारत ने साफ कहा है कि वह अपने नागरिकों के हित में रूस से तेल आयात जारी रखेगा. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वाशिंगटन भारत पर से आयात शुल्क घटाने पर विचार कर सकता है, बदले में रूस से तेल खरीद रोकने की उम्मीद के साथ.