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India Daily

India Russia Trade Dispute: 'मुझे नहीं पता, जांच करूंगा...', भारत ने ट्रंप को दिखाया आईना और बताया रूसी इंपोर्ट का कड़वा सच

भारत ने रूस से व्यापार को लेकर अमेरिका और यूरोप की आलोचना को सख्त लहजे में खारिज किया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि खुद अमेरिका और यूरोप रूस से अरबों डॉलर का व्यापार कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और वह इसकी जांच करेंगे. भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक निर्णय लेता रहेगा.

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Edited By: Km Jaya
India Russia trade dispute
Courtesy: Social Media

India Russia Trade Dispute: रूस से तेल और अन्य वस्तुओं के आयात को लेकर बार-बार भारत को निशाना बनाने की कोशिशों पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. अमेरिका और यूरोप की आलोचना के बीच, विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि जब खुद अमेरिका और यूरोपीय देश रूस से अरबों डॉलर का व्यापार कर रहे हैं, तो भारत को घेरना अनुचित और अव्यावहारिक है. इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है, मैं इसकी जांच करूंगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, अमेरिका रूस से फर्टिलाइजर, केमिकल्स, यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड जो परमाणु उद्योग में इस्तेमाल होता है और पैलेडियम जो ईवी सेक्टर में आवश्यक होता है, जैसे उत्पादों का लगातार आयात कर रहा है. ऐसे में केवल भारत को रूस से तेल आयात के लिए कटघरे में खड़ा करना पूरी तरह अनुचित है.

खुद कर रहे रूस से व्यापार 

MEA ने यह भी याद दिलाया कि जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब खुद अमेरिका ने भारत को रूसी तेल खरीद जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर बना रहे. अब वही देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, जबकि वे खुद रूस से व्यापार कर रहे हैं.

यूरोप को भी आईना दिखाया भारत

भारत ने न केवल अमेरिका को जवाब दिया बल्कि यूरोपीय संघ को भी उसके आंकड़ों के साथ कटघरे में खड़ा किया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2024 में यूरोप और रूस के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो तक पहुंच गया था, जबकि सेवाओं में व्यापार 17.2 बिलियन यूरो तक आंका गया. यह भारत-रूस के कुल व्यापार से कहीं अधिक है.

इन चीजों का रूस से आयात 

वहीं यूरोप का रूस से LNG आयात 2024 में 16.5 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया. सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, यूरोप फर्टिलाइजर, खनिज, रसायन, इस्पात, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरणों का भी भारी मात्रा में रूस से आयात कर रहा है.

अपने गिरेबान में झांके 

भारत ने जोर देकर कहा कि वह भी एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा. अमेरिका और यूरोप को पहले अपने आंकड़ों और व्यापार पर नजर डालनी चाहिए, फिर दूसरों पर टिप्पणी करनी चाहिए.