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India Daily

Israel-Iran Conflict: क्या इजरायली हमले के बाद ईरान बना पाएगा परमाणु बम? जानें न्यूक्लियर प्रोग्राम को कितना नुकसान हुआ!

नतांज़ पर हमले और IAEA की पुष्टि ने वैश्विक समुदाय का ध्यान खींचा है. यह देखना बाकी है कि ईरान इस हमले का जवाब कैसे देता है और क्या यह संघर्ष और तीव्र होगा.

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Edited By: Mayank Tiwari
नतांज़ स्थित यूरेनियम संवर्धन संयंत्र
Courtesy: Social Media

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA), ने मंगलवार (17 जून) को खुलासा किया है कि ईरान के नतांज़ यूरेनियम संवर्धन संयंत्र के भूमिगत हिस्से पर "सीधे हमले के संकेत" मिले हैं. यह दावा इजरायल के हालिया हमलों के बाद सामने आया है, जिसने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, IAEA ने शुक्रवार को इजरायल के हमलों के बाद एकत्र किए गए सैटेलाइट चित्रों का विश्लेषण किया. एजेंसी ने पुष्टि की कि नतांज़ संयंत्र के भूमिगत हिस्से में हमले के स्पष्ट निशान दिखाई दिए हैं. हालांकि, एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस्फ़हान परमाणु साइट या फ़ोर्दो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र में "कोई बदलाव" नहीं देखा गया है. यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि इजरायल ने अपने हमलों को नतांज़ पर केंद्रित किया.

इजरायल का दावा: परमाणु हथियारों पर लगे रोक

सोमवार को इजरायल ने घोषणा की कि उसने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए नतांज़ संयंत्र पर हमला किया. इजरायल ने दावा किया कि इस हमले में नौ ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इजरायल ने 13 जून को ईरान के "परमाणु कार्यक्रम" से जुड़े ठिकानों पर हमले शुरू किए थे, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच पांच दिनों से तीव्र संघर्ष जारी है.

मिडिल ईस्ट में बढ़ता क्षेत्रीय तनाव

इजरायल और ईरान के बीच यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व में पहले से मौजूद तनाव को और गहरा रहा है. इजरायल का कहना है कि उसका उद्देश्य ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकना है, जबकि ईरान इन आरोपों को खारिज करता रहा है. दोनों देशों के बीच यह सैन्य टकराव क्षेत्र में व्यापक युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा रहा है. IAEA की यह नवीनतम रिपोर्ट इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह इजरायल के हमलों की गंभीरता और सटीकता को रेखांकित करती है.

भविष्य की अनिश्चितता

नतांज़ पर हमले और IAEA की पुष्टि ने वैश्विक समुदाय का ध्यान खींचा है. यह देखना बाकी है कि ईरान इस हमले का जवाब कैसे देता है और क्या यह संघर्ष और तीव्र होगा.