Trump Missile Defense: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 'गोल्डन डोम' नामक एक नई और बेहद महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली की घोषणा की है. उन्होंने मंगलवार को ओवल ऑफिस से बोलते हुए कहा कि यह प्रणाली 2029 तक पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगी और यह दुश्मन की मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगी, चाहे वे अंतरिक्ष से ही क्यों न दागी गई हों.
क्या है गोल्डन डोम सिस्टम?
बता दें कि गोल्डन डोम, इजरायल की 'आयरन डोम' प्रणाली से प्रेरित है, लेकिन यह उससे कहीं अधिक उन्नत और विशाल स्तर पर कार्य करेगी. जहां आयरन डोम को छोटे रॉकेट और कम दूरी की मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है, वहीं गोल्डन डोम अमेरिका जैसे विशाल देश की रक्षा करेगा, जिसे लंबी दूरी की हाइपरसोनिक और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों से खतरा है.
अंतरिक्ष आधारित इंटरसेप्टर होंगे मुख्य हिस्सा
एनपीआर की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रणाली में अंतरिक्ष आधारित इंटरसेप्टर अहम भूमिका निभाएंगे. योजना के तहत पृथ्वी की कक्षा में ऐसे उपग्रह लगाए जाएंगे जो लॉन्च के शुरुआती चरण में ही मिसाइलों को पहचान कर उन्हें नष्ट कर देंगे.
टेक्नोलॉजी और चुनौती
वहीं ट्रम्प ने इस साल की शुरुआत में गोल्डन डोम का जिक्र करते हुए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी किए थे. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी प्रणाली को पूरी तरह सक्रिय करने में अभी समय लगेगा, लेकिन कुछ शुरुआती क्षमताएं 2029 तक तैयार हो सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि 'उपग्रहों को सही समय और स्थान पर तैनात करना एक बड़ी चुनौती होगी.' इसके लिए अनुमानित 16,000 इंटरसेप्टर्स की आवश्यकता हो सकती है.
एलन मस्क की भूमिका और लागत
इसके अलावा, ट्रम्प के करीबी और स्पेसएक्स प्रमुख एलन मस्क की 'स्टारलिंक' जैसी परियोजनाओं को इस दिशा में एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन गोल्डन डोम को अमल में लाना बेहद खर्चीला सौदा साबित हो सकता है.