Generation Z: नेपाल में बड़ी संख्या में जनरेशन जेड (Gen Z) के युवाओं ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध मुख्य रूप से भ्रष्टाचार और सरकार के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें 26 अनरजिस्टर्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर प्रतिबंध लगाया गया. जिसके बाद इस जनरेशन (Gen Z) के बारे में जानने के लिए लोगों के मन में उत्सुकता बढ़ गई है.
जनरेशन जेड में वे लोग आते हैं जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं, आज की दुनिया की सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी को तेजी से बदल रहे हैं. साल 2025 तक यह पीढ़ी वैश्विक कार्यबल का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा बन चुकी है और अपने व्यवहार, सोच और वित्तीय दृष्टिकोण से नए मानक तय कर रही है.
यह पीढ़ी इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के दौर में पैदा हुई है, इसलिए इसे 'डिजिटल नेटिव' कहा जाता है. तकनीकी दक्षता, विविधता, समावेशिता और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता इसकी मुख्य पहचान है. अमेरिका में लगभग आधे जनरेशन जेड लोग नस्लीय और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं और पिछली पीढ़ियों की तुलना में एलजीबीटीक्यू+ पहचान अपनाने में ज्यादा खुलापन रखते हैं.
आर्थिक दृष्टिकोण से जनरेशन जेड बेहद व्यावहारिक मानी जाती है. इस पीढ़ी ने अपने बचपन और युवावस्था में आर्थिक अस्थिरता देखी है. 2008 की मंदी से लेकर कोविड-19 महामारी तक. इसी वजह से यह अधिक सतर्क, वित्तीय रूप से जागरूक और दीर्घकालिक योजना बनाने में आगे रहती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 तक आधे से अधिक जनरेशन जेड कामकाजी लोग 50 हजार से 1 लाख डॉलर वार्षिक आय को स्थिर जीवन के लिए पर्याप्त मानते हैं. इस जनरेशन की खास बात ये है कि यह पीढ़ी औसतन 19 साल की उम्र से ही बचत शुरू कर देती है और अपनी आय का लगभग 20 प्रतिशत निवेश करती है.
शिक्षा के क्षेत्र में भी इस पीढ़ी ने अच्छे परिणाम दिए हैं. अमेरिका में हाई स्कूल स्नातक दर ऐतिहासिक स्तर पर पहुंची है. कॉलेज दाखिले भी महामारी के बाद फिर से बढ़े हैं. हालांकि, स्टेम (STEM) विषयों में रुचि अधिक होने के बावजूद करियर बनाने वाले छात्रों की संख्या सीमित है. सामाजिक मुद्दों पर यह पीढ़ी बेहद मुखर है. जलवायु परिवर्तन, नस्लीय समानता, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और मानसिक स्वास्थ्य इनके लिए प्रमुख चिंताएं हैं.
सर्वेक्षण बताते हैं कि 80 प्रतिशत से अधिक जनरेशन जेड जलवायु संकट को लेकर चिंतित हैं और सख्त नीतियों की मांग करते हैं. मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी यह पीढ़ी खुलकर चर्चा करती है और इसे अमेरिकी समाज में संकट मानती है. तकनीक की दृष्टि से जनरेशन जेड सबसे आगे है. 98 प्रतिशत लोगों के पास स्मार्टफोन है और 95 प्रतिशत सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. ऑनलाइन खरीदारी, उत्पाद खोज और डिजिटल लर्निंग इनकी रोजमर्रा का हिस्सा है. यही कारण है कि कंपनियां अपने उत्पाद और सेवाएं अब मोबाइल-फर्स्ट दृष्टिकोण से डिजाइन कर रही हैं.