कनाडा के टोरंटो में रथ यात्रा के दौरान कुछ शरारती तत्वों द्वारा व्यवधान डालने की खबरों पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “हमने टोरंटो में रथ यात्रा के दौरान शरारती तत्वों द्वारा उत्पन्न व्यवधान से संबंधित खबरें देखी हैं. इस तरह के निंदनीय कृत्य खेदजनक हैं और यह उत्सव के उस भाव के खिलाफ हैं, जो एकता, समावेशिता और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है.”
भारत की कनाडा से की कार्रवाई की मांग
जायसवाल ने बताया कि भारत ने इस मामले को कनाडाई अधिकारियों के समक्ष दृढ़ता से उठाया है. “हमने कनाडाई अधिकारियों से इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है.” उन्होंने कहा. भारत ने उम्मीद जताई कि कनाडा सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने और लोगों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी. जायसवाल ने जोड़ा “हम आशा करते हैं कि कनाडाई सरकार लोगों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई करेगी.”
रथ यात्रा का महत्वरथ
रथ यात्रा, भगवान जगन्नाथ का एक प्रमुख हिंदू उत्सव, विश्व भर में एकता और भक्ति का प्रतीक है. टोरंटो में आयोजित इस उत्सव में हजारों लोग शामिल होते हैं, जो सामुदायिक एकजुटता को दर्शाता है. इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाती हैं. भारत सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और कनाडा से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा की है.
वैश्विक स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता
यह घटना वैश्विक स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक सम्मान के महत्व को रेखांकित करती है. भारत ने हमेशा धार्मिक सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देने की वकालत की है. इस मामले में कनाडा सरकार की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हैं.