Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने को लेकर एक बार फिर से बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच "ऐतिहासिक संघर्षविराम" कराने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि, भारत सरकार पहले ही इस दावे को खारिज कर चुकी है. फोरम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को व्यापारिक प्रोत्साहन देने की पेशकश की ताकि वे आपसी तनाव को कम करें. ट्रंप ने कहा, "मैंने कहा कि चलिए व्यापार करते हैं. दोनों देशों के पास मजबूत, समझदार और प्रभावशाली नेता हैं."
उन्होंने आगे कहा, "सब कुछ रुक गया है और उम्मीद है कि स्थिति शांत बनी रहेगी." इस दौरान ट्रंप ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का आभार भी व्यक्त किया.
'अच्छा डिनर करें, मिसाइलें नहीं चलाएं'
ट्रंप ने अपने बयान में एक दिलचस्प टिप्पणी भी की. उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान अब साथ में अच्छा डिनर कर सकते हैं. उन्हें मिसाइलों की जगह वस्तुओं का व्यापार करना चाहिए." उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर तनाव और बढ़ता, तो लाखों लोगों की जान जा सकती थी.
Full comments by US President Donald Trump on India Pakistan understanding of 10 May
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 13, 2025
"Let us not trade nuclear missiles, let us trade" goods
"India, Pakistan are getting along, & they can have a nice dinner 🍽️"
"Millions of people could have died due to the conflict" pic.twitter.com/9u0Ijx8dJb
इससे पहले भारत ने ट्रंप के इस दावे को नकार दिया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार रोकने की धमकी देकर सैन्य कार्रवाई से रोका. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़े किसी भी संवाद में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा.
मध्य-पूर्व यात्रा का पहला पड़ाव: सऊदी अरब
ट्रंप अपनी चार दिवसीय मध्य-पूर्व यात्रा पर हैं, जिसमें उनका पहला पड़ाव सऊदी अरब है. इस दौरान उन्होंने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने, गाज़ा युद्ध समाप्त करने और वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर रखने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की.
सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर ऐतिहासिक समझौता
इस बैठक में अमेरिका और सऊदी अरब के बीच 142 अरब डॉलर का ऐतिहासिक रक्षा समझौता हुआ. इसके तहत अमेरिका सऊदी अरब को अत्याधुनिक युद्ध उपकरण देगा, जबकि सऊदी अरब अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में 20 अरब डॉलर का निवेश करेगा.